मंगलवार को चीन ने कहा कि वह कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत में फंसे हुए अपने छात्रों, पर्यटकों और कारोबारियों को वापस लाने के लिए उड़ानें भेजने की योजना बना रहा है। चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह फैसला चीन के विदेशों में फंसे नागरिकों को सहायता प्रदान करने की कड़ी में लिया गया है।

अपने बयान में आगे चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि भारत में महामारी के हालात को देखते हुए चीन अस्थायी उड़ानें भारत भेजकर अपने छात्रों और पर्यटकों समेत नागरिकों को वापस बुलाने की योजना बना रहा है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, चीन की सरकार प्रवासी चीनी नागरिकों की सेहत और सुरक्षा को बहुत महत्व देती है। चीनी नागरिकों को यहां से निकालने का फैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है जब भारत कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित दुनिया के 10 देशों में शामिल हो गया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कोरोना वायरस की शुरुआत दिसंबर में चीन के वुहान शहर से हुई थी। दुनियाभर में इस वायरस से 55 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं और 3.5 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वही, वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत सरकार 60 देशों में फंसे अपने एक लाख नागरिकों को वापस लाने की योजना बना रही है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मिशन का दूसरा चरण पहले 22 मई को समाप्त होना था। हालांकि सरकार ने इसे 13 जून तक बढ़ा दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को इस व्यापक अभियान में शामिल सभी एजेंसियों और मंत्रालयों के साथ बैठक की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बैठक का उद्देश्य वंदे भारत मिशन का विस्तार करना और इसकी क्षमता बढ़ाना था। मिशन का दूसरा चरण 17 मई को शुरू हुआ था।

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