कोरोना संक्रमण के बीच सीमा पर लगातार तनाव बढ़ा रहे चीन का भारत ने डटकर मुकाबला करने की तैयारी की है। बिना किसी दबाव में आए चीन की हर पैंतरेबाजी को नाकाम बनाया जाएगा। सेना को सीमा पर चल रहे निर्माण कार्य को जारी रखने का निर्देश दिया गया है. भारत और चीन के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ पूरे हालात की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत व तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पीएम की तरफ से बुलाई गई इस तरह की पहली बैठक से यह साफ हो गया है कि सैन्य बल के सहारे दबाब बनाने की चीन की रणनीति को नाकाम किया जाएगा। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व की तरफ से मौजूदा तनाव पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं किए जाने के बावजूद सीमा पर हालात बिगड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई समीक्षा बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख मनोज मुंकद नरवाने, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह शामिल हुए।

इसके अलावा लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के एक-दूसरे के वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों की बढ़ी उपस्थिति के बीच भारत के लद्दाख क्षेत्र की गलवां घाटी पर चीनी दावे ने तनातनी में और इजाफा किया है। उधर, उत्तराखंड-हिमाचल प्रदेश के साथ चीन से जुड़े हर्षिल सेक्टर में भी चीनी सैनिकों की गतिविधियां बढ़ने की खबरें आ रही हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

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