राजेश सिंह
मदरलैंड संवाददाता, जमुई
ज्ञात हो कि जमुई जिला के खैरा प्रखंड अंतर्गत चौकीटांड की एक गरीब महिला को ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर किसी तरह सदर अस्पताल जमुई तो पहुंचा दिया l लेकिन वह भूल गए की किसी भी सूरत में गरीबी इलाज के बीच में बाधक बनेगी। जैसा हमेशा से होत आया है की इलाज के लिए गरीब महिला शहजादी खातून उम्र मात्र 28 वर्ष पति शहजाद अंसारी जो मजदूरी करता है अपनी पत्नी को लेकर सुबह 7:00 बजे ही सदर अस्पताल परिजनों के साथ पत्नी के इलाज हेतु पहुंच गया। लेकिन व्यवस्था की मजबूरी इलाज शुरू ही हुआ 10:30 बजे वह भी काफी मान मनोबल के बाद किसी तरह इलाज तो शुरू हुआ लेकिन शुरू होते डॉक्टर ने रेफर कर दिया पटना के लिए परिजनों ने वहां उपस्थित अधिकारियों को बताया कि वह बीपीएल कार्ड धारी हैं। उनके पास पटना जाने के लिए पैसा नहीं तो उन्हें सरकारी एंबुलेंस मुहैया कराया जाए लेकिन जवाब आया अगर जाना चाहते हो और अपनी पत्नी को बचाना चाहते तो पैसे खर्च कर एंबुलेंस करके चले जाओ। लेकिन वह अपनी गरीबी से तड़पता गुहार लगाया हुजूर पैसे नहीं मेहरबानी करके सरकारी एंबुलेंस मुहैया करवा दें। अब जवाब आने लगा करवाते हैं करते करते बज गए 12:30 और जिंदगी की जंग लड़ते लड़ते शहजादी खातून ने प्राण त्याग दिए । विडंबना यह कि मौत के घंटों बाद भी एंबुलेंस नहीं मिल पाया सिस्टम से हारे अपने पत्नी को खो चुके पति ने मीडिया के माध्यम से सवाल करता है क्या गरीब होना बहुत बड़ा गुनाह है? सरकारी अस्पताल में गरीबों का इलाज नहीं हो सकता मेरी कम उम्र में मरी पत्नी का क्या दोष, सिर्फ गरीबी के सिवा जो इलाज के अभाव में मर गई इसके लिए कौन जिम्मेदार सरकार ,डॉक्टर किसको मैं जिम्मेदार कहूँ?
इस बाबत जब जमुई विधायक विजय प्रकाश से संपर्क करने की कोशिश की गई उन्होंने कहा नीतीश कुमार का सुशासन जो खोखला ढोल पीटने का काम करता है इस घटना से ढोल कपूर ढोल का पोल खुल गया। सर्वप्रिय माननीय नीतीश कुमार कहां है आपके स्वास्थ्य मंत्री जो झूठा वादा करके लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। क्या यही है आपका सुशासन? गरीबों की मौत पर बनता आप का राजनीतिक जीवन।