मदरलैंड संवाददाता , सहरसा
जिलाधिकारी कौशल कुमार ने टिड्डियों के संभावित प्रकोप से सहरसा जिला अन्तर्गत पेड़ पौधों, साग सब्जियों एवं फसलों को बचाने के लिए समूचित व्यवस्था अविलंब सुनिष्चित कराने का निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत महीनों में देश के पश्चिमोतर प्रांत , राजस्थान, हरियाणा, गुजरात में टिड्डी दल का भयंकर प्रकोप देखा गया है। इसके प्रकोप से लगे फसलों एवं पेड़ पौधों को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अब यह टिड्डी दल पश्चिमी प्रांत से पूरब की ओर उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में देखा जा रहा है। यह टिड्डी दल पूरब की ओर और बढ़ने पर पूर्वी उत्तर प्रदेश होते हुए बिहार में भी इसके प्रवेश एवं प्रकोप की संभावनाएं है। टिड्डी दल अपने मार्ग में आने वाले हरे पेड़ पौधे, साग सब्जियों एवं फसलों को भयंकर क्षति पहुँचाते हैं। अतएव टिड्डियों के संभावित प्रकोप से बचने के लिए सभी उपाय अविलंब किया जाना आवश्यक है। जिलाधिकारी ने कृषि निदेशालय से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि टिड्डियों के नियंत्रण की कार्रवाई युद्धस्तर पर सुनिश्चित की जाय। जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न समितियों का गठन अविलंब कराई जाय। टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में किसानों एवं आमजन को निर्देष दें कि सभी एक साथ इकटठा होकर ढ़ोल, नगाड़ों, टिन के डिब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचायें। टिड्डियों को भगाने का यह एक उपाय है जिसमें शोर से टिड्डी दल आस-पास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पाएंगे। संभावित प्रभावित क्षेत्रों के लिए कृषि रक्षा रसायनों, स्पेयर्स एवं ट्रेक्टर्स आदि की व्यवस्था कर ली जाय। जागरूकता कार्यक्रम चलाने एवं मॉकड्रिल के माध्यम से किसानों एवं स्थानीय निवासियों को प्रषिक्षित किया जाय। टिड्डी दल सूर्यास्त के समय किसी न किसी पेड़ पौधों पर सूर्योदय होने तक आश्रय लेती है। सघन सर्वेक्षण द्वारा ऐसे आश्रय के स्थानों को चिन्हित कर ली जाय।