मदरलैंड संवाददाता,
गोपालगंज। उचकागांव थाना क्षेत्र के तुलसिया गांव में शुक्रवार के दिन स्कॉर्पियो पर सवार अपने पांच साथियों के साथ गिरफ्तार किए गए कुख्यात रंजन यादव को पुलिस द्वारा बीस पुडीया स्मैक बरामदगी के आरोप में जेल भेज दिया गया। जबकि वाहन पर सवार पांच अन्य लोगों को लॉक डाउन के उल्लंघन के आरोप में थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस मामले में जांच पड़ताल कर रही है। शुक्रवार के दिन गुप्त सूचना के आधार पर एसपी मनोज कुमार तिवारी के निर्देश पर जिले के नगर, थावे, मीरगंज, उचकागांव और फुलवरिया थाना पुलिस के द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी कर थाना क्षेत्र के तुलसिया गांव के पास से स्कॉर्पियो से आ रहे कुख्यात रंजन यादव को अपने पांच साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। जिले के हथुआ थाना क्षेत्र के रूपनचक गांव में हुए ट्रिपल मर्डर और रेपुरा गांव के मुन्ना तिवारी हत्याकांड के बाद हरकत में आई जिले की पुलिस द्वारा हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह किए जा रहे छापेमारी के दौरान कुख्यात रंजन यादव को अपने पांच साथियों के साथ गिरफ्तार किए जाने के बाद कयास लगाया जा रहा था कि पुलिस जिले में लगातार हो रहे हत्याकांडों में एक बड़ा खुलासा कर सकती है। परंतु रंजन यादव को बीस पुडीया स्मैक बरामदगी के मामले में जेल भेजने के बाद लोगों द्वारा लगाए जा रहे कयास पर भी विराम लग गया।वैसे रंजन यादव के साथ गिरफ्तार किए गए पांच अन्य साथियों द्वारा पूछताछ के क्रम में तुलसीया गांव के एक पंचायती में आने की बात स्वीकार की गई है। जिसके बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए रंजन यादव के पांचों साथियों के विरुद्ध लॉक डाउन के उल्लंघन के आरोप में थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मामले में जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस द्वारा रंजन यादव के साथ गिरफ्तार किए गए उसके साथियों की पहचान नगर थाना क्षेत्र के कुकुरभुका गांव निवासी गुड्डू कुमार, बुला यादव, सिधवलिया थाना क्षेत्र के खजुरिया गांव निवासी मनोज यादव, माझागढ़ थाना क्षेत्र के छवही गांव निवासी शशिकांत कुमार और उचकागांव थाना क्षेत्र के पांडेय मथौली गांव निवासी रविंद्र यादव के रूप में किया गया है। पुलिस इन पांचों आरोपियों को हिरासत में रखकर जांच पड़ताल कर रही है। नगर थाना क्षेत्र के कुकुर भूका गांव निवासी कुख्यात रंजन यादव को जेल भेजे जाने के बाद थाने के बाहर पहुंचे उसके भाई अनिल यादव के द्वारा पुलिस के विरुद्ध रंजन यादव को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया गया।