मदरलैंड संवाददाता,
मोतिहारी सिटी/-पु च:- मैट्रिक परीक्षा 2020 के रिजल्ट की घोषणा की जा चुकी है।लॉकडाउन की वजह से परीक्षा परिणाम बिना किसी तामझाम के जारी किए गए।पिछले कुछ सालों में जिले के छात्रों का जो सिमुलतला विद्यालय में पढ़ते थे का टॉप टेन में दबदबा रहता था। लेकिन इस बार सिमुलतला विद्यालय के सिर्फ तीन छात्र ही टॉप टेन में स्थान बना पाए हैं। जिसमें पूर्वी चंपारण जिले का छात्र राज रंजन 474 अंकों के साथ ऑल बिहार रैंकिंग में सातवां स्थान लाकर सिमुलतला विद्यालय का टॉपर बना।. लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली।किसी प्रशासनिक पदाधिकारी ने न उसे शुभकामना संदेश दिया और न ही किसी सामाजिक संगठन ने उसे सम्मानित किया।इससे निराश होकर राज रंजन डिप्रेशन का शिकार होने लगा।जिसके बाद उसकी मां ने उसका हौसला बढ़ाया। राज रंजन जिले के सुगौली प्रखंड स्थित बड़ा बौधा गांव का रहने वाला है।उसके पिता रवि चंद्र भूषण इंडियन आर्मी में इंजीनियरिंग सेक्सन में है और अभी सिक्किम में पोस्टेट हैं। जबकि उसकी मां रंजीता कुमारी हरसिद्धि प्रखंड के कोबेया गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षिका हैं।टॉपर छात्र राज रंजन ने बताया कि उसकी कामयाबी की अनदेखी से वह निराश हो गया था। लेकिन घरवालों की मदद से वह वापस तैयारी में जुट गया है।छात्र ने बताया कि वह डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहता है। राज रंजन की मां रंजीता कुमारी ने बताया कि टॉप करने के बाद भी जब किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली तब उन्होंने राज को समझाकर उसे डिप्रेशन से बाहर निकाला। रंजीता कुमारी ने बताया कि राज रंजन अपने मार्क्स से संतुष्ट नहीं है। इसलिए वह आरटीआई डालने पर भी विचार कर रही हैं। वहीं, अनुसूचित जाति के लोगों के उत्थान के लिए काम करने वाले विजय राम ने कहा कि राज रंजन ने बिहार में सातवां रैंक और सिमुलतला विद्यालय में टॉप किया है।लेकिन छात्र की हौसला अफजाई में प्रशासन की उदासीनता काफी दुःखद है।