कोरोना और लॉकडाउन के बीच भारतीय रेलवे ने 21 मार्च से 31 मई तक ऑनलाइन बुक गए गए टिकटों को रद करने के एवज में यात्रियों को 1,885 करोड़ रुपये लौटाए हैं। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा, ‘टिकट रद होने के बाद रेलवे ने यात्रियों को उनके उसी अकाउंट में पैसे वापस कर दिए हैं, जिनसे बुकिंग के समय भुगतान किया गया था। ऑनलाइन बुकिंग के कारण उपभोक्ताओं को पीआरएस काउंटर पर जाकर वापसी लेने की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। इस दौरान यात्री ट्रेनों के परिचालन बंद कर दिया गया था.बता दें कि कोरोना संकट के बीच रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बताया कि देश में हमने 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाना शुरू कर दिया था और अब तक कुल 4050 ट्रेनें चलाई गई। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 54 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया। इसके साथ ही रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि इनमें से लगभग 80 फीसद ट्रेनें उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए चलाई गईं।

इसके अलावा दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग अब घटने लगी है। पिछले 29 दिनों में कुल 54 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से उनके गतंव्य तक पहुंचाया जा चुका है। भारतीय रेलवे का दावा है कि श्रमिकों की पूरी वापसी और राज्यों की मांग आने तक ट्रेनें चलाई जाएंगी।

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