सीवान ।एलारसा के क्षेत्रीय महामंत्री विनय शर्मा ने पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों को लोको पायलट को हो रही गंभीर समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षित करते हुए कहा कि रेलवे के परिचालन के दौरान गाड़ियों की, यात्रियों की तथा लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट संरक्षा एवं सुरक्षा दोनों को पूरी तरह से ताक पर रखते हुए, इस भीषण गर्मी जैसे वातावरण में जहाँ लोको के अन्दर 45℃ से 50℃ के तापमान में जबरन 12 घण्टे से 18 घण्टे तक की ओवर ड्यूटी लगातार करवाया जा रहा है। साथ ही उनके ऊपर ओवर ड्यूटी करने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोको पायलट मेल,लोको पायलट पैसेंजर,लोको पायलट माल एवं सहायक लोको पायलट को अवकाश के साथ साथ उनके विश्राम पर भी पाबंदी जैसे नियमविरुद्ध एवं अमानवीय आदेश है। उक्त ओवर ड्यूटी, अवकाश एवं विश्राम पर पाबन्दी जैसे अपारिवारिक असामाजिक आदेश, रेलवे बोर्ड के नियमों एवं रेलवे एक्ट 1989 की धारा-133 का सख्त उल्लघंन किया जाना जैसा अमानवीय एवं तानाशाही निर्णय का हमारा संगठन एलारसा सख्त विरोध करते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम,प्रमुख संरक्षा अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर,मंडल रेल प्रबंधक,लखनऊ मंडल,पूर्वोत्तर रेलवे,मंडल रेल प्रबंधक, वाराणसी मंडल,पूर्वोत्तर रेलवे,मंडल रेल प्रबंधक,इज्जतनगर मंडल,पूर्वोत्तर रेलवे से, ये मांग करता है कि आरबीई-143/2016 दिनाँक-28-11-2016 के तहत एवं बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी 9 घंटा ड्यूटी के अनुपालन के अनुसार लोपा से 9 घंटे से ज्यादा ड्यूटी होने पर तत्काल रिलीफ की व्यवस्था किया जाए तथा अवकाश और साप्ताहिक विश्राम पर रोक जैसे पाबंदी को हटाए जाने हेतु आदेश जारी किया जाए। वर्तमान में कुछ लोकोमोटिव में एसी लगे होने के बावजूद कार्यरत नही है। इन्हें रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार तत्काल कार्यरत करवाये जाने हेतु व्यवस्था किया जाए तथा अन्य समस्त लोकोमोटिव को एयर कंडीशन युक्त बनाया जाए क्योकि 45℃ से 50℃ के तापमान में कार्य करने के कारण रनिंग स्टाफ की कार्य की क्षमता पर एवं गाडियों के साथ यात्रियों की भी संरक्षा एवं सुरक्षा पर प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने की प्रबल संभावना है। वहीं एलारसा महामंत्री ने कहा कि ज्यादा घंटे की ड्यूटी से तथा अवकाश एवं विश्राम पर रोक जैसे कार्यादेश जैसे प्रणाली से कोविड-19 जैसे वैश्विक महाबीमारी के वायरस से समस्त रनिंग स्टाफ एवं उनका परिवार की सुरक्षा भी प्रभावित हो रहा है।