मदरलैण्ड संवाददाता,

आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद निर्वाचन आयोग ने बिहार विधान परिषद की खाली हुई 9 सीटों पर आगामी 6 जुलाई को मतदान कराने का फैसला ले ही लिया है। निर्वाचन आयोग के अनुसार चुनाव संबंधी नोटिफिकेशन 18 जून को जारी किया जाएगा जबकि 18 जून को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन होगा। वही 26 जून को नॉमिनेशन की स्क्रुटनी होगी और 29 जून तक उम्मीदवार अपने नाम को वापस ले सकते हैं। इसके बाद 6 जुलाई को सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी और फिर शाम 5 बजे से मतगणना की शुरुआत होगी।
 निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव की सारी प्रक्रिया 8 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी। बिहार में जिन लोगों का विधान परिषद का कार्यकाल समाप्त हुआ है उनमें जदयू कोटे के दो मंत्री शामिल हैं। इधर भाजपा की तरफ से पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी संजय मयूख राधा मोहन शर्मा और कृष्ण कुमार सिंह की सीट खाली हुई है।
 गौरतलब है कि बिहार में विधान परिषद की कुल 75 सीटें हैं जिनमें 29 सीटें इस वक्त खाली है।
 इनमें अलग-अलग कैटेगरी में विधानसभा कोटे की कुल 9 सीटें खाली हो गई है। जबकि स्नातक और शिक्षक कोटे की चार चार सीटें खाली हो गई है। इसके अलावा राज्यपाल कोटे की 12 सीटें खाली हुई है।
 विधान परिषद में मौजूदा संख्या बल के हिसाब से जदयू को तीन और भाजपा को दो विधान परिषद की सीटें मिलनी तय है। जबकि राजद को तीन और कांग्रेस को एक सीट मिलने की संभावना है।
 ज्ञात हो कि देश भर में जारी कोरोना संकट और देशव्यापी बंदी की वजह से विधान परिषद का चुनाव टाल दिया गया था।
 जानकारी के अनुसार विधान परिषद के चुनाव में विधानसभा के सदस्य हिस्सा लेते हैं ऐसे में 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में मौजूदा समीकरण के हिसाब से विधान परिषद की 1 सीट के लिए 25 विधायकों की जरूरत होगी जिसमें संख्या बल के हिसाब से बिहार विधानसभा में जदयू के 70, भाजपा के 54 और लोजपा के 2 विधायक हैं। जबकि विपक्षी दलों में राजद के 79 और कांग्रेस के 26 विधायक हैं।
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