कोरोना काल में ऑस्ट्रेलिया में साइबर हमले बढ़ गए हैं। इन हमलों के पीछे चीन का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है। ये हमले ऐसे समय तेज हुए हैं, जब ऑस्ट्रेलिया कई बार कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर जांच कराने की मांग कर चुका है। हालांकि चीन को यह मांग पसंद नहीं आई और उसने दबाव बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया से आयात होने वाले कुछ सामान पर रोक लगा दी।

 

बता दें कि, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के तीन सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि साइबर हमलों के लिए चीन को जिम्मेदार माना जा रहा है। एक सूत्र ने कहा, इस बात का पूरा विश्वास है कि हमलों के पीछे चीन का हाथ है। इधर, चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने हमलों में अपने देश के शामिल होने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि चीन सभी तरह के साइबर हमलों का दृढ़ता के साथ विरोध करता है।

 

अपने बयान में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘हम जानते हैं कि कोई जटिल विदेशी तत्व सरकारी, राजनीतिक संस्थाओं, जरूरी सेवा प्रदाताओं और अहम ढांचागत संचालकों के डाटा को हैक करने का प्रयास कर रहा है। हालांकि उन्होंने यह बताने इन्कार कर दिया कि ऑस्ट्रेलिया किसको जिम्मेदार मानता है। ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसियों का कहना है कि हालिया साइबर हमलों और गत वर्ष मार्च में संसद व तीन राजनीतिक पार्टियों पर हुए हमलों के बीच समानता पाई गई है। इन हमलों के लिए भी चीन को जिम्मेदार माना गया था। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने कभी भी खुलकर हमले के स्रोत की पहचान जाहिर नहीं की।

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