जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बगावत करने वाले सचिन पायलट के हाथ में कुछ नहीं है। वह केवल भाजपा के हाथ के खिलौना बन कर रह गए हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने के बाद गहलोत ने कहा भाजपा मध्य प्रदेश के खेल को राजस्थान में भी दोहराना चाहती थी और ‘यह सब’ पिछले छह महीने से चल रहा था।
सरकारी बयान के अनुसार, गहलोत ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को बर्खास्त किए जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। राज्यपाल मिश्र ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से स्वीकृति प्रदान कर दी। राजभवन के बाहर गहलोत ने कहा कि पायलट व उनके साथ गए अन्य मंत्रियों-विधायकों को मौका दिया गया लेकिन वे वापस नहीं लौटे।
पायलट व उनके समर्थक विधायकों के हरियाणा के एक होटल में जमा होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा सचिन पायलट के हाथ में वहां कुछ भी नहीं हैं। वह तो खुद ही, पूरा कुनबा भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं। रिजार्ट की व्यवस्था भाजपा की है, प्रबंधन भाजपा का है। इस रूप में वहां खेल चल रहा है। ऐसे खेल में सरकार के सामने आखिर चारा क्या है? उन्होंने कहा पिछले छह महीने से राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयास चल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा के मंसूबे राजस्थान में पूरे नहीं हुए। गहलोत ने कहा उन्होंने कर्नाटक, मध्यप्रदेश में धनबल के आधार पर जो कुछ खेल खेला था राजस्थान में भी वही करना चाहते थे। खुला खेल था और मैं समझता हूँ कि खुले खेल में वो लोग मात खा गए।
केंद्र सरकार की नरेंद्र मोदी सरकार व भाजपा पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा आजादी के बाद पहली बार ऐसी सरकार आई है जो धनबल के आधार पर देश के अंदर सरकारों को तोड़ रही है, मरोड़ रही है और गिरा रही है। आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ, पहली बार लोकतंत्र खतरे में है, 70 साल हो गए सरकारें बदली हैं पर लोकतंत्र मजबूत हुआ क्योंकि सरकारें ‘सुगमता से’ बदली हैं। गहलोत ने कहा हमारी सरकार को अच्छा प्रशासन देना है, जो हमने वादे किए हैं जनता से , उनको निभाना है।

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