लंदन। पूरी दुनिया को कोरोना वायरस वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। विश्व के अलग-अलग देशों में कोरोना की वैक्सीन विकसित करने की दिशा में 100 से अधिक प्रयोग और परीक्षण हो रहे हैं । वैक्सीन बनाने में कई कंपनियां दिन-रात लगी हैं लेकिन लेकिन इस महामारी का उपचार खोजने की दिशा में आज गुरुवार का दिन बेहद खास साबित हो सकता है, क्योंकि आज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई वैक्सीन के शुरुआती ट्रायल के नतीजे घोषित हो सकते हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका कंपनी मिलकर वैक्सीन को बना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आज कोरोना वैक्सीन को लेकर अहम घोषणा हो सकती है। उनके इस दावे के बाद सबकी निगाहें इस तरफ टिकी हैं क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जून में कहा था कि एस्ट्रा जेनेका कोरोना वैक्सीन विकसित करने की दिशा में सबसे आगे है।
कोरोना की संभावित वैक्सीन फेज-3 स्तर पर है यानी इंसानों पर इसके ट्रायल हो रहे हैं। हालांकि यह भी सच है कि फेज-1 परीक्षण के नतीजे अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। उसके बाद ही यह पता चल सकेगा कि शरीर के भीतर कोरोना के खिलाफ जंग में ये कितनी असरकारी है.। हालांकि इसको विकसित कर रहे डेवलपर्स का कहना है कि वे इसके नतीजों से बेहद उत्साहित करने वाले हैं। कहा जा रहा है कि द लैंसेट मेडिकल जर्नल में फेज-1 डाटा जुलाई के अंत तक प्रकाशित हो सकते हैं।
कंपनी ने पहले ही दुनिया भर की कई सरकारों के साथ वैक्सीन विकसित होने के साथ ही सप्लाई के लिए समझौते कर लिए हैं। बता दें कि अमेरिका भी कोरोना की वैक्सीन खोजने में लगा है और मंगलवार को अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कहा कि मॉडर्ना इंक के वैक्सीन की दिशा में प्रयोग अभी तक कारगर रहे हैं। अभी तक शुरुआती स्टेज के अध्ययन में 45 स्वस्थ लोगों पर किए गए प्रयोग सटीक और सुरक्षित रहे हैं। मॉडर्ना ने मई में फेज-2 प्रयोग शुरू किए थे और तीसरे चरण के प्रयोग 27 जुलाई से शुरू होने की संभावना है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बुधवार के इस संदर्भ में किए गए ट्वीट के बाद वैक्सीन की खोज के आसार और बढ़ गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट कर कहा-ग्रेट न्यूज ऑन वैक्सीन्स!