मास्को। अमेरिका और नाटो के अन्य देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूस जल्द ही एक नए ब्रह्मास्त्र को तैनात कर सकता है। रूस का यह हथियार इतना घातक है, कि अंतरिक्ष से आ रही हाइपरसोनिक मिसाइलों का भी खात्मा कर सकता है। रूस के ब्रह्मास्त्र का नाम है एस-500 है। यह अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम अपने पूर्ववर्ती एस-400 की जगह लेगा। एस-500 प्रोमीथियस सतह से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। यह रूस का ऐसा रक्षा कवच है कि जो हाइपरसोनिक मिसाइलों से लेकर ड्रोन विमानों तक का पलक झपकते ही खात्मा कर सकता है। एस-500 डिफेंस मिसाइल सिस्टम की रेंज 400 से 600 किलोमीटर है। डिफेंस सिस्टम के मुख्य इंजीनियर पावेल सोजिनोव ने घोषणा की कि एस-500धरती के सैकड़ों किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित लक्ष्यों को भी तबाह करने में सक्षम है। यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम 16 हजार मील प्रतिघंटे की रफ्तार से किलर मिसाइलों को लक्ष्य की ओर भेजता है जो ध्वनि की रफ्तार से कई गुना ज्यादा है।
रूस के एयरोस्पेस फोर्सेस के कमांडर ने कहा कि एस-500 की तकनीकी खासियत इस पहली पीढ़ी के स्पेस डिफेंस नेटवर्क का हथियार बनाती है। इस तरह का हथियार दुनिया में कोई नहीं है। एस-500 सभी तरह की बलिस्टिक मिसाइलों और अंतरिक्ष तक से छोड़े जाने में सक्षम हाइपरसोनिक हथियारों को खत्म कर सकता है। यह डिफेंस सिस्टम एक साथ 10 लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। अंतरिक्ष में निचली कक्षा में घूम रहे उपग्रहों को भी एस-500 नष्ट कर सकता है। इस सिस्टम का निर्माण अलमाज एंटी एयर डिफेंस कर्सन ने किया है। एस-500 का मुख्य काम अपने नजदीक आने वाली मध्यम दूरी की और अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों से निपटना है। इस रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम का वर्ष 2019 में सफल परीक्षण किया गया था। माना जा रहा है कि वर्ष 2021 तक इस रूसी सेना में शामिल कर लिया जाएगा। यूनानी देवता प्रोमीथियस के नाम पर इसका नाम एस-500 प्रोमीथियस रखा गया है। एस-500 डिफेंस सिस्टम को 55आर6एम ट्रीमफेक्टर एम के नाम से जाना जाता है। पहले वर्ष 2014 में इसका उत्पादन किया जाना था लेकिन अब बढ़ाकर वर्ष 2021 कर दिया गया है।