नई दिल्ली, 19 जुलाई। देव वैद्य भगवान धन्वंतरि की वंदना करते हुए सभी के आरोग्य की कामना के साथ भय आक्रांत जनता में सही दृष्टि, ज्ञान, आशा, विश्वास पैदा हो एवं स्वास्थ्य के प्रति जन जागरण के ध्येय से आरोग्य भारती दिल्ली ने वेबिनार आयोजित किया।
वेबिनार में मुख्य वक्ता आरोग्य भारती के अखिल भारतीय संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने व्यक्ति केंद्रित स्वास्थ्य उन्नयन पर बल दिया। उन्होंने बताया कि स्वस्थ समाज के लिए सभी स्वयं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहेंगे तो समाज स्वतः स्वस्थ रहेगा, यह हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। स्वस्थ दिनचर्या देश, काल, वातावरण के आधार पर होनी चाहिए। कोरोना और लॉकडाउन में कई लोग अवसादग्रस्त भी हुए हैं इसलिए हम सदैव अपने मन में आशा का दीप जलाए रखकर सकारात्मक सोच बनाए रखें।
आरोग्य भारती के अध्यक्ष एवं गंगा राम हॉस्पिटल के वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्वनी मेहता ने योग के माध्यम से शारीरिक एवम् मानसिक स्वास्थ्य बनाये रखने पर बल दिया। उन्होंने ‘योग का महत्व आज के युग में’ विषय पर बोलते हुए हृदय रोगों पर उपलब्ध वैज्ञानिक शोध प्रबंधों का उल्लेख भी किया। इम्यूनिटी बूस्टर एवं मन शांति के प्रमाणिक वैज्ञानिक तथ्य भी डॉ. अश्वनी मेहता द्वारा इस दरान प्रस्तुत किए गए । भारतीय संस्कृति की धरोहर योग, आयुर्वेद, होम्योपैथी तथा आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के समन्वित प्रयास से इस महामारी एवं अनेक रोगों को रोकने पर उन्होंने बल दिया।
‘कोरोना काल में पुनः व्यवस्थित जीवन’ विषय पर गंगा राम हॉस्पिटल के वरिष्ठ मनो चिकित्सक डॉ. राजीव मेहता ने व्यक्तिगत तथा पारिवारिक स्वास्थ्य के लिए सभी को प्रोत्साहित किया। उन्होंने इसके लिए व्यवस्थित जीवन जीने तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए पारिवारिक संवाद का महत्व बताया। मानसिक रोगों में कमी लाने के लिए समय और समाज के सामंजस्य के साथ चलना उन्होंने आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि जीवन शैली तभी संभव है जब जीवन हो। भोजन के समय किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक गेजेट, टी.वी. मोबाइल आदि से दूर रहना शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। भोजन के समय सिर्फ आपसी रिश्ते रहने चाहिए। उन्होंने अभिवावकों को सलाह दी कि वे बच्चों के सामने इसके लिए स्वयं का उदाहरण प्रस्तुत करें, तभी हम उनसे भी अपेक्षा करें। इस आपत्ति काल में अपने समस्त संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करें।
इस मौके पर आरोग्य भारती दिल्ली के सचिव डॉक्टर राजेश तलवार ने आरोग्य भारती के कार्यों व उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोरोना काल ने हमें चेता दिया है कि इस व्याधि काल में जीवन को पुनः समायोजित करना है। समय आ गया है कि हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहें जो स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। हम बीमार न हों इसके लिए हमें प्रकृति के अनुरूप अपनी जीवनशैली ढालनी होगी, इसके लिए छोटे-छोटे उपक्रम जैसे प्राणायाम एवं शारीरिक क्रियाओं को दिनचर्या में शामिल करें।
वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्सक, स्वदेशी विषय प्रमुख व विद्या भारती से जुड़े डॉ सुभाष नागपाल ने वेबिनार में हास्य योग के माध्यम से सभी को प्रसन्न रहने की सलाह दी।
अखिल भारतीय वनौषधि प्रचार प्रमुख, आरोग्य भारती दिल्ली के वैद्य दीपक ने ‘नैसर्गिक जीवन की ओर’ विषय पर जानकारी दी। उन्होंने प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने में आहार विहार के साथ ही शारीरिक दैनिक नित्यक्रम क्रिया क्रम सुचारू रूप से संपादित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। हमें अपनी शरीर के अलार्म फीचर्स को सुनना चाहिए, अगर हमें मल-मूत्र त्यागने की इच्छा है तो उसे तुरंत कर देना चाहिए। इसी प्रकार से शरीर की अनेक आवश्यकताएं होती हैं जिन्हें हमें भूख प्यास के माध्यम से महसूस करते हैं उन्हें हमें तुरंत पूरा करना चाहिए क्योंकि उसके रोकने से अनेक व्याधियां जन्म लेती हैं।
वेबिनार में आरोग्य भारती के सचिव डॉ. राकेश पंडित, महिला प्रचार प्रमुख सुश्री मनिंदर कौर भी अतिथि के नाते प्रबुद्ध जनों के साथ उपस्थित थीं। डॉक्टर संदीप ने शांति पाठ कर सभी का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।