मुंबई। पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर प्रचार का जिम्मा भाजपा आईटी सेल से जुड़ी फर्म को दे रखा था. ये आरोप आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले द्वारा लगाए जाने के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तब भारत के चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इस संदर्भ में महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग की प्रवक्ता शेफाली शरण ने एक ट्वीट में कहा कि मामले के बारे में महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है. शरण ने लिखा- ‘साकेत गोखले के ट्वीट के संदर्भ में आयोग ने इस मामले में महाराष्ट्र के चीफ इलेक्शन कमिश्नर से एक विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.’ चुनाव आयोग ने यह प्रतिक्रिया आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले द्वारा ट्वीट्स के बाद दी जिसमें आरोप लगाया गया कि चुनाव आयोग ने साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान अपने सोशल मीडिया प्रचार के लिए जिस फर्म को काम दिया था उसका मालिक एक बीजेपी नेता है और उसे ही बीजेपी ने भी इलेक्शन का काम दिया हुआ था.
– चुनाव आयोग ने जो पता दिखाया वह….
अपने ट्वीट में आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया विज्ञापनों में दिये गये पते में लिखा है- ‘202 प्रेसमैन हाउस, विले पार्ले, मुंबई.’ दावा किया कि यह पता साइनपोस्ट इंडिया का है जिसके महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस के साथ करीबी संबंध हैं और वह सरकार द्वारा इंपैनल एजेंसी भी है. गोखले ने यह भी दावा किया कि जो पता महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने बताया है उसका उपयोग सोशल सेंट्रल नामक एक डिजिटल एजेंसी द्वारा भी किया गया था जिसका मालिकाना हक राष्ट्रीय संयोजक आईटी और भारतीय जनता युवा मोर्चा नेता देवांग दवे के पास है.
– साकेत गोखले ने किये यह सवाल
गोखले ने कहा, ‘202 प्रेस हाउस का इस्तेमाल सोशल सेंट्रल नामक डिजिटल एजेंसी द्वारा भी किया गया था. यह एजेंसी देवांग दवे की है जो भाजपा के युवा विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) के लिए आईटी और सोशल मीडिया के राष्ट्रीय संयोजक हैं.’ साकेत गोखले ने एक अन्य ट्वीट में पूछा, ‘बीजेपी आईटी सेल के एक सदस्य द्वारा महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी का सोशल मीडिया क्यों संभाला जा रहा था?’ गोखले ने दवे की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए सोशल सेंट्रल के क्लाइंट्स की सूची भी साझा की, जिसमें कई सरकारी संस्थाएं, भाजपा और महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी महाराष्ट्र शामिल थे.
– कांग्रेस ने की जांच की मांग
गोखले के आरोपों पर कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी इस मामले की जांच की मांग की. सावंत ने ट्वीट किया, ‘हम एक स्वतंत्र चुनाव आयोग के पैनल द्वारा इस गंभीर मुद्दे की जांच की मांग करते हैं. चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से काम करने वाला है. यहां भाजपा युवा विंग के राष्ट्रीय पदाधिकारी की एक कंपनी ने सीईओ के महाराष्ट्र के सोशल मीडिया को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चुनाव आयोग के डेटा का क्या? फर्म के बैकग्राउंड की जांच क्यों नहीं की गई?’