मदरलैंड/संवाददाता/सहरसा
जिले के बाढ,जल-जमाव प्रभावित क्षेत्रों मे आम जन के आवागमन हेतु संबंधित अंचल अधिकारी आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या मे नावों का परिचालन सुनिश्चित करायेंगे। प्रभावित जल जमाव वाले क्षेत्रों मे आम जन को नाव की कमी के कारण आवागमन मे असुविधा नहीं हो। संबंधित अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी का दायित्व होगा कि बिना निबंधन एवं अनुमति के निजी नावों का परिचालन नहीं हो। यदि किसी प्रकार की दुर्घटना होती है तो इसकी सम्पूर्ण जबाबदेही उनकी होगी। जिलाधिकारी कौशल कुमार ने सहरसा जिले के बाढ,जल-जमाव प्रभावित क्षेत्रों मे आमजन के आवागमन के मद्देनजर नाव परिचालन के संदर्भ मे उपरोक्त निर्देश सभी अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारियों को दिया। विगत दिनों लगातार हो रही वर्षा एवं कोसी नदी मे डिस्चार्ज के कारण वर्त्तमान में सहरसा जिला के कोसी नदी तटबंध के अंदर के चार प्रखंड क्षेत्र में कुल दस पंचायत पूर्ण एवं ग्यारह पंचायत आंशिक रूप में जल प्रभावित है। जिसमें कुल 73 ग्राम सम्मिलित है । आपदा प्रबंधन कार्यालय से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार सहरसा जिला अंतर्गत महिषी अंचल के वीरगांव, घोंघेपुर, मनोवर, आरापट्टी एवं आईना पंचायत पूर्ण प्रभावित है। सिमरी बख्तियारपुर अंचल के धनुपरा, बेलवारा, कठडुमर एवं घोघसम पंचायत आंशिक रूप में प्रभावित है। नवहट्टा अंचल मे शाहपुर, केदली पंचायत आंशिक रूप में प्रभावित है। वहीं सलखुआ अंचल में चानन,सितुआहा, उटेसरा एवं गोरदह आंशिक तथा कबीरा,अलानी, साम्हरखुर्द पूर्ण प्रभावित है। प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी नाव- 17 एवं निजी नाव- 141 को मिलाकर कुल 158 नावों का परिचालन किया जा रहा है। जिसमें महिषी में 60, सलखुआ में 26, नवहट्टा में 45, सिमरी बख्तियारपुर में 16, सोनवर्षा में 06 एवं बनमा ईटहरी में 05 नावों का परिचालन शामिल है। उपरोक्त क्षेत्र में एक लाख ग्यारह हजार चार सौ मानव एवं नौ हजार पशु प्रभावित हुए हैं। कृषि योग्य 47647 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रभावित परिवारों के बीच पोलीथीन शीट का वितरण करया जा रहा है। अब तक 5218 पोलीथीन शीट का वितरण किया गया है। वहीं प्रभावित पशुओं के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा पशु चारा का वितरण कराया जा रहा है। जिले के मुख्यतया चार प्रभावित प्रखंडों मे चिन्हित बाढ आश्रय स्थल पर पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधा सहित सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है। जिलाधिकारी ने कहा है कि बाढ आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है । अभी स्थिति नियंत्रण में है । जल संसाधन एवं स्थानीय प्रशासन की टीम द्वारा कोसी नदी के जलस्तर एवं तटबंध की सतत निगरानी की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में नावों का परिचालन कराया जा रहा है। जहां भी नाव की आवश्यकता होगी। तुरंत उपलब्ध कराया जायेगा। सभी बाढ आश्रय स्थलों को तैयार स्थिति में रखने के निर्देश दिए गये है और वहां सभी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है। प्रभावित परिवारों के बीच पोलीथीन शीट का वितरण कराया जा रहा है । पशुओं के लिए भी चारा की व्यवस्था की गयी है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों से अनुरोध होगा कि जल स्तर बढने पर वे ऊंचे स्थलों पर चले जाए ।