• पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया उद्घाटन

नई दिल्ली । भारत ने आत्मनिर्भरता का उदाहरण पेश करते हुए चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर को अंडर सी लिंक के जरिए जोड़कर दिखाया है। 2,300 किमी लंबी इस केबल लिंक को समुद्र के भीतर ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ा गया है। इस लिंक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इस परियोजना से अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मोबाइल, ब्रॉडबैंड और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी।
यह पहला अवसर है, जब भारत ने किसी अन्य देश की मदद न लेते हुए अंडर सी लिंक तैयार किया है। ओएफसी से अंडमान निकोबार में इंटरनेट की गति कई गुना बढ़ जाएगी। इस ओएफसी से वहां के लोग 4 सेकंड में 40 हजार गाने डाउनलोड कर सकेंगे। यानि इंटरनेट की गति 400 जीबीपीएस तक होगी।
पीएम मोदी ने दिसंबर 2018 में इस प्रोजेक्ट की नींव रखी थी। यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा हुआ है। इस केबल की वजह से भारतीय द्वीपों तक बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी सुलभ हो सकेगी। इस केबल से पोर्ट ब्लेयर को स्वराज द्वीप, लिटल अंडमान, कार निकोबार, कमोरटा, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड और रंगत को भी जोड़ा जा सकेगा।
अंडमान निकोबार के मुख्य सचिव चेतन सांघी ने भारत सरकार के इस प्रोजेक्ट के पूरा होने को प्रदेशवासियों के लिए मील का पत्थर बताया है। एक बयान में कहा गया कि बेहतर दूरसंचार और ब्रॉडबैंड से अंडमान निकोबार द्वीप क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार को गति मिलेगी, अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। इससे टेलीमेडिसिन और टेली-एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा।

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