पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में दरार पड़ गई है और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। एलजेपी ने रविवार को दिल्ली में चिराग पासवान के आवास पर संसदीय दल की बैठक के बाद यह फैसला किया है, हालांकि पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन को तैयार है ।बिहार चुनाव में अकेले जाने के फैसले के बाद एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान से जब भाजपा से गठबंधन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जबाव दिया, ‘मुझे इस पल का आनंद लेने दीजिए।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं अधिक नहीं बोलूंगा, लेकिन हम लड़ाई जीतेंगे बैठक के बाद एलजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल खालिक ने कहा, ‘लोक जनशक्ति पार्टी आगामी बिहार चुनाव में वैचारिक मतभेद के कारण जनता दल यूनाइटेड के साथ नहीं लड़ेगी।’ हालांकि इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा के साथ पार्टी का कोई मतभेद नहीं है। अब्दुल खालिक ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर और लोकसभा चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी का बीजेपी के साथ मजबूत गठबंधन है और हमारे उम्मीदवार कुछ सीटों पर जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। इससे साफ हो गया है कि एलजेपी, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेगी, हालांकि पार्टी अपने उम्मीदवारों को भाजपा के खिलाफ खड़ा नहीं करेगी। बता दें कि एलजेपी की यह बैठक पहले शनिवार को होने वाली थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री और पूर्व एलडेपी अध्यक्ष रामविलास पासवान के अस्पताल में भर्ती होने और बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में दिल की सर्जरी के बाद इसे स्थगित कर दिया गया। चिराग पासवान ने शेयर किया ‘बिहार पहले बिहारी पहले’ डॉक्यूमेंट। बैठक से पहले चिराग पासवान ने ट्विटर पर लोक जनशक्ति पार्टी का ‘बिहार पहले बिहारी पहले’ एक विज़न डॉक्यूमेंट शेयर किया था। उन्होंने कहा कि दस्तावेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित है और उन्होंने कहा है कि राज्य के लोग उन्हें बिहार बनाने और अपना गौरव बहाल करने के लिए आशीर्वाद देंगे, ताकि ‘मेरे सभी उम्मीदवार प्रधानमंत्री के हाथों को मजबूत कर सकें। बता दें कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान होना है। राज्य में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगी।

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