नई दिल्ली (ईएमएस)। कृषि कानून के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बुधवार को मुलाकात करना चाहते थे। लेकिन मुलाकात का समय नहीं देने पर सीएम राजघाट पर धरने पर बैठ गए हैं। राजघाट पर सीएम के साथ नवजोत सिंह सिद्धू सहित अन्य कांग्रेसी नेता उपस्थित हैं। इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह कोई ‘मोर्चा-बंदी’ नहीं है। हमारे द्वारा पंजाब में स्थिति के बारे में बताने के लिए राष्ट्रपति से समय मांगा, जो उन्होंने नहीं दिया। इसके बाद हमने सोचा कि हम इस मामले पर अपने विचार साझा करें। मैंने पीएम से समय नहीं मांगा लेकिन मैं उचित समय पर जाऊंगा। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राष्ट्रीय ग्रिड से उन फंडों से बिजली खरीद रहे हैं जिनके साथ हम बचे हैं। त्रैमासिक जीएसटी प्राप्त करने की संवैधानिक गारंटी मार्च से पूरी नहीं हुई है और लंबित है। 10,000 करोड़ रुपये देय है। कृषि कानूनों के विरोध के चलते पंजाब में कोयला लाने वाली ट्रेनों पर रोक है जिससे राज्‍य में बिजली कटौती करनी पड़ रही है। इन्‍हीं मुद्दों पर अमरिंदर सिंह ने जंतर-मंतर पर क्रमिक धरने की अपील की थी।
बता दें कि अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार की ओर से लागू तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए पंजाब विधानसभा में पारित विधेयकों को मंजूरी दिलाने की मांग को लेकर बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा था। राज्य सरकार ने बताया कि राष्ट्रपति भवन ने मुलाकात का समय देने से इनकार कर दिया है। रेलवे ने पंजाब में ट्रेनों का परिचालन यह कहकर रोक दिया है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब भी कुछ पटरियों पर जमे हैं। रेलवे ने कहा कि पंजाब में रेलवे परिसरों और पटरियों पर 32 स्थानों पर आंदोलन जारी है। इसकारण 2225 मालगाड़ियों का परिचालन नहीं किया जा सका है। वहीं 1350 से अधिक यात्री रेलगाड़ियों को रद्द, परिवर्तित या थोड़े समय के लिए रद्द किया गया है।

Previous articleडोनाल्ड ट्रंप के बेटे के ट्वीट पर उमर अब्दुल्ला-थरूर ने जताया ‎विरोध
Next articleसुप्रीम कोर्ट का प्राइवेट जासूसी के कामकाज को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई से इंकार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here