रायपुर । बस्तर की समृद्ध शिल्प कला का उपयोग अब शासकीय भवनों के सौन्दर्यीकरण में भी किया जाएगा। कलेक्टर रजत बंसल की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला कार्यालय के प्रेरणा कक्ष में बस्तर कला शिल्पियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इंद्रजीत चंद्रवाल भी उपस्थित थे।
बस्तर की प्राचीन और समृद्ध शिल्प कला को और अधिक लोकप्रिय बनाने और इसके माध्यम से शिल्प कलाकारों का अधिक से अधिक आय सुनिश्चित करने के लिए इस बैठक में चर्चा की गई। बस्तर में बेलमेटल, टेराकोटा, काष्ठशिल्प, पाषाण शिल्प, तुम्बा शिल्प, सीशल शिल्प, हथकरघा की प्राचीन और समृद्ध परम्परा रही है। इनके शिल्पकारों का उत्पादक संगठन बनाया जाएगा। इसके साथ ही बाजार की उपलब्धता के लिए भी कार्य किए जाएंगे। बस्तर जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में शिल्पकला विक्रय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही जगदलपुर में भी एक स्थान निश्चित किया जाएगा, जहां ग्राहकों की मांग के अनुसार शिल्पी कलाकृति तैयार करेंगे। बस्तर जिले में शासकीय भवनों के सौन्दर्यीकरण में भी स्थानीय शिल्पियों सेवा ली जाएगी, जिससे बस्तर की शिल्प कला का प्रदर्शन आसानी से हो सके। बैठक में शिल्पियों की समस्याओं पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उन्हें आसानी से बाजार की उपलब्धता के साथ ही आवश्यक संसाधनों की कमी को दूर करने पर भी चर्चा की गई। शिल्पियों को नए तकनीक के साथ जोड़ने और शिल्पकला में नवाचारों के उपयोग पर भी चर्चा की गई।