नई दिल्ली । इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी फर्म्स क्रिप्टो कम्युनिटीज की जरिए ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टेलीग्राम पर जोरदार कैंपेन चला रही हैं, ताकि इसमें आम निवेशकों का भरोसा पैदा किया जा सके। 2017 में हुए कई घोटालों के कारण लोगों का इस से भरोसा उठ गया था। फिर से भरोसा जगाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने गत मार्च में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर से प्रतिबंध हटा दिया था। इससे कई कंपनियों ने फिर से भारतीय बाजार में एंट्री मारी है। क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग एक्सचेंज वजीरएक्स के मुताबिक करीब 70 से 80 लाख भारतीय क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग करते हैं या उनके पास क्रिप्टोकरेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन देने पर कुछ पाबंदियां हैं।इसकारण वे अपने डिजिटल एसेट की मार्केटिंग के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में इन्फ्यूएंसर्स का इस्तेमाल कर रही हैं। सोशल मीडिया एक तरह से कंपनी के प्रति लोगों का भरोसा जगाने का काम करता है। भारत में यह इंडस्ट्री अभी तक रेग्युलेटेड नहीं है। ट्रस्ट फैक्टर अहम है।
उन्होंने कहा कि 2017 में कई क्रिप्टो स्कैम्स हुए थे और हमारी कोई क्रिप्टो कम्युनिटी नहीं थी। आज की तारीख में कोई भी ब्रांड न्यू वेबसाइट पर भरोसा नहीं करेगा अगर ऑनलाइन कम्युनिटी के भीतर इसके बारे में बात नहीं हो रही है। दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल करेंसीज में से बिटकॉइन की कीमत गुरुवार को पहली बार 22,000 डॉलर के पार चली गई थी। इसकारण बड़े निवेशक तुरंत मुनाफा कमाने के लिए इसमें निवेश कर रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसीज करीब एक दशक पहले चलन में आई थीं लेकिन जल्दी ही अपराध, ट्रेडिंग में गड़बड़ी, हैक और भारी उतारचढ़ाव से इनका नाता जुड़ा गया। पिछले दो सालों में दुनियाभर के मेनस्ट्रीम इनवेस्टर्स ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की सफलता के लिए जरूरी है, कि इनके बारे में जागरुकता बढ़कर सरल भाषा में इसके बारे में बताया जाए। इसमें सोशल मीडिया इन्फ्यूएंसर्स की भूमिका बेहद अहम है। लोगों को फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने से पहले उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल करने की जरूरत है।2020 में लोगों की क्रिप्टो कंटेंट में दिलचस्पी लौटी है। इसकी वजह यह है कि कमजोर इकनॉमिक परिदृश्य में लोग पैसा बनाने के वैकल्पिक उपाय तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में जब क्रिप्टोकरेंसीज की कीमतों में गिरावट आई तो लोगों की दिलचस्पी भी कम हो गई। इस साल के मध्य से लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है।

Previous articleन्यूजीलैंड के खिलाफ पहला टेस्ट नहीं खेलेंगे बाबर और इमाम, रिजवान करेंगे कप्तानी
Next article नए साल में महंगी हो जाएंगी होंडा की कारें -कंपनी डीलरों को दी जानकारी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here