मुंबई । अभिनेता बरुन सोबती को कोरोना काल में डिजिटल शो की बदौलत अपनी योग्यता के अनुरूप व्यापक दृश्यता मिली है। इस प्रक्रिया में वे बिना योजना के डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन गए हैं। बरुन ने कहा ‎कि “मुझे लगता है कि जब लोग हरित क्रांति में भाग ले रहे थे, तब उन्हें नहीं पता था कि वे वास्तव में क्रांति का हिस्सा बन रहे हैं। इसी तरह, हम कलाकार अनजाने में डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन गए हैं, जहां घरेलू मनोरंजन को फिर से परिभाषित किया गया है। हां, यह वैश्विक महामारी के कारण अब और अधिक दृश्यमान हो गए हैं, लेकिन यह चीज पिछले कुछ वर्षों से हो रहा है। जब हमारे जैसे अभिनेताओं की बात आती है, तो मैं कह सकता हूं कि मैं एक बहुत ही खुशहाल जगह पर हूं और यह वह जगह है जहां मैं अपने करियर में होना चाहता था।”बरुन की हाल ही में वेब सीरीज ‘द मिसिंग स्टोन’ ‎रिलीज हुई है, जिसमें बिदिता बाग भी हैं। ‘द मिसिंग स्टोन’ ध्वनि और साहिर के इर्द-गिर्द घूमती है। एक सरप्राइज बर्थडे पार्टी के दौरान उनकी जिंदगी उलट जाती है। इस बारे में बरुन ने कहा ‎कि “कहानी एक विश्वसनीय आधार पर लिखी गई है और काफी भरोसेमंद है। कहानी हमारे दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित होगी और वे यह सोच नहीं पाएंगे कि अगर हमारे साथ ऐसा होता है तो क्या हो सकता है।” इस सी‎रीज को विशाल फुरिया और आलोक नाइक द्वारा निर्देशित ‎किया गया है। इसमें राशी मल, साकिब अयूब, विठ्ठल काले, पल्लवी पाटिल भी हैं। बता दें ‎कि बरुन को वेब सीरीज ‘असुर’ में अपनी भूमिका और डिजिटल रूप से रिलीज हुई फिल्म ‘हलाहल’ को लेकर सराहना मिली है। यह एमएक्स प्लेयर पर उपलब्ध है।

Previous articleआघात से गुजरने के बाद म‎हिलाएं खुलकर कहने के बजाए चुप क्यों रहती हैं: पंकज त्रिपाठी
Next articleकुशल सह-कलाकार के साथ काम करने से बढ़ती हैं कार्य क्षमता: सान्या मलहोत्रा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here