नई दिल्ली। केंद्र सरकार पिछले कुछ सालों में ऐसे कानून लाती रही है, जिसपर संसद और बाहर जमकर चर्चाएं होती हैं और वे बहस का मुद्दा बन जाते हैं। अब सरकार ने मंगलवार को संसद में उस सवाल का लिखित जवाब दिया है, जोकि धर्मांतरण विरोधी कानून से जुड़ा था। एक सवाल के जवाब में लोकसभा में गृह मंत्रालय ने बताया कि इंटरफेथ शादियों को रोकने के लिए उसकी धर्मांतरण विरोधी कानून लाने की कोई योजना नहीं है। गृह मंत्रालय ने यह जवाब उस समय दिया है, जब हाल ही में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए हैं। गृह मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा कि धर्मांतरण से संबंधित मुद्दे बुनियादी रूप से राज्य सरकारों के विषय हैं और कानून का उल्लंघन होने पर विधि प्रवर्तन एजेंसियां कार्रवाई करती हैं। संविधान की सातवीं अनुसची के अनुसार, लोक व्यवस्था और पुलिस राज्य के विषय हैं और ऐसे में धर्मांतरण से संबंधित अपराधों को रोकना, मामला दर्ज करना, जांच करना और मुकदमा चलाना बुनियादी रूप से राज्य सरकारों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाती है।
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