नई दिल्ली। विभिन्न सरकारी विभागों पर एयर इंडिया लिमिटेड का लगभग 500 करोड़ का भुगतान बकाया है, जबकि एयर लाइन पहले ही आर्थिक रूप से संघर्ष कर रही है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया कि 31 दिसंबर, 2020 तक एयरलाइन का ‘वीवीआईपी ऑपरेशन्स’ के लिए बकाये सहित विभिन्न सरकारी विभागों पर विमान किराये के रूप में, 498.17 करोड़ रुपये का बकाया शामिल है।
एयर इंडिया को कोई ब्याज नहीं दिया जाता
पुरी ने कहा, आमतौर पर भारत सरकार के विभागों की क्रेडिट अवधि चालान की प्राप्ति से 15 से 30 दिनों तक होती है और क्रेडिट अवधि के भीतर भुगतान न करने की स्थिति में एयर इंडिया को कोई ब्याज नहीं दिया जाता है” एयर इंडिया ने घरेलू ऋणदाताओं से पहले ऋण को पूरा करने के लिए अल्पकालिक ऋण सुविधा के माध्यम से 225 करोड़ उधार लिया है। वित्तवर्ष 2019-20 अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, एयर इंडिया का कुल कर्ज 38,366.39 करोड़ रुपये था। पुरी ने कहा, ‘‘उपरोक्त राशि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड के विशेष ऋण वाहन (एसपीवी) के लिए 22,064 करोड़ रुपये के ऋण हस्तांतरण के बाद है। 31 मार्च, 2020 तक, एयर इंडिया की कुल शुद्ध अचल संपत्ति 45,863.27 करोड़ थी, जिसमें भूमि और भवन, विमान बेड़े और इंजन, अन्य अचल संपत्तियां, सही उपयोग की संपत्ति और अमूर्त संपत्ति शामिल थीं।
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