नई दिल्ली। भारत में कोरोना टीकाकरण के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत ने मात्र 21 दिन में 50 लाख टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने शुक्रवार को बताया कि भारत ने 50 लाख टीकाकरण का आंकड़ा पार कर लिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने 21 दिन में 50 लाख टीकाकरण किया, जबकि अमेरिका में 50 लाख टीकाकरण के लिए 24 दिन, ब्रिटेन में 43 दिन और इजरायल में 45 दिन लगे थे। वहीं, सरकार ने बताया कि देशभर में आरंभ किए गए कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत प्रारंभिक 15 दिन में टीकाकरण संबंधी प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) के 7580 मामले (0.2 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए हैं।
लोकसभा मे विनसेंट एच पाला और सजदा अहमद के प्रश्न के लिखित उत्तर
लोकसभा मे विनसेंट एच पाला और सजदा अहमद के प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने कहा कि टीकाकरण संबंधी प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) की एक पूर्णत: संरचनाबद्ध एवं संतुलित निगरानी प्रणाली के माध्यम से निगरानी की जाती है और यह आवश्यक नहीं है कि इसका टीके के साथ कोई संबंध हो। कोविड-19 टीकाकरण के लिये इसी प्रक्रिया का अनुपालन किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि देश में 16 जनवरी 2021 को कोविड-19 टीकाकरण प्रारंभ किया गया है और 31 जनवरी 2021 तक किए गए कुल टीकाकरण में से एईएफआई के कुल 7,580 मामले (0.2 प्रतिशत) दर्ज किए गए हैं।
31 जनवरी तक कुल टीकाकरण में से टीका लगवाने
डा. हर्षवर्द्धन ने बताया कि इनमें से अधिकतर में बेचैनी, बुखार, दर्द, सिर दर्द, चक्कर आना, सिर चकराना जैसी प्रतिकूल प्रभाव के मामले हैं, जिनमें सभी स्वयं ही स्वस्थ हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी तक कुल टीकाकरण में से टीका लगवाने वाले 14 व्यक्तियों अर्थात 0.000372 प्रतिशत को अस्पताल में भर्ती कराने की और 12 व्यक्तियों अर्थात 0.000319 प्रतिशत की मौत होने की रिपोर्ट भी मिली है। उन्होंने बताया कि इन मामलों की विशेषज्ञों ने जांच की थी और वर्तमान साक्ष्यों के अनुसार इन मौतों में से किसी का भी कोविड-19 टीकाकरण के साथ कोई संयोगिक संबंध नहीं था।
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