बंगाल में चुनाव की बेला के ठीक पहले सत्तारूढ़ टीएमसी को छोड़ने वाले तो झटका दे ही रहे हैं पार्टी के अंदर भी खलबली मची हुई है। अब वर्तमान विधायक भी चुनाव लड़ने से कतराने लगे हैं और पार्टी से कह रहे हैं कि आगामी चुनाव में उनके नाम पर विचार न किया जाए। ऐसे लोगों में एक नाम विधायक एवं पूर्व मंत्री रबिरंजन चट्टोपाध्याय का है जिन्होंने अपनी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य को कारण बता ममता से विधानसभा चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई है। 79 वर्षीय चट्टोपाध्याय ने इस संबंध में ममता को पत्र लिखा है। उनका यह कारण किसी को भी गले उतरने वाला नहीं लग रहा है क्योंकि राजनीतिज्ञ तो कभी भी अपने स्वास्थ्य को खराब मानते ही नहीं हैं। इसलिए रबिरंजन की यह असमर्थता किसी को भी पच नहीं रही है। उल्लेखनीय है कि बंगाल में ममता सरकार का कार्यकाल 30 मई को समाप्त हो रहा है।
बसपा का कांग्रेस पर हल्ला बोल
शनिवार को लोकसभा के बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम दिन जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक का समर्थन करते हुए बहुजन समाज पार्टी के सांसद मलूक नागर ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला और उस पर विपक्षी दल की भूमिका सही ढंग से नहीं निभा पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी खुद को भी कमजोर कर रही है और हमें भी मार रही है। बिजनौर से सांसद नागर ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बजट पर चर्चा के दौरान सदन में प्रोफेसर की तरह बोलकर चले गए, लेकिन वित्त मंत्री का जवाब सुनने के लिए यहां मौजूद नहीं रहे। उन्होंने कहा, कांग्रेस से कहता हूं कि बढ़िया विपक्ष की भूमिका अदा करो। वित्त मंत्री ने भी बोला कांग्रेस की ओर से विपक्ष की भूमिका अदा नहीं की जा रही है। वे अपने आप को कमजोर कर रहे है। हमें भी मार रहे हैं, हमारी बदनामी हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद पर महिला की दावेदारी
क्या संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव का पद एक भारतीय महिला को मिल सकता है, यह सवाल तब खड़ा हुआ जब संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत भारतीय मूल की एक महिला कर्मचारी ने इस पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी। 34 वर्षीय आकांक्षा अरोड़ा ऐसी दावेदारी करने वाली पहली महिला हैं। हालांकि मौजूदा महासचिव एंटोनियो गुटेरस और पांच साल तक काम करने की इच्छा जता चुके हैं। नए महासचिव का कार्यकाल जनवरी 2022 से शुरू होगा। आकांक्षा यूएनडीपी में ऑडिट कोऑर्डिनेटर हैं। खास बात यह है कि आकांक्षा ने प्रचार भी शुरू कर दिया है। आकांक्षा का जन्म भारत में हुआ है। उनके पास कनाडा की भी नागरिकता है।
2024 में फिर मैदान मे उतर सकते हैं ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रंप को केपिटल हिल्स हिंसा मामले के महाभियोग में बरी किए जाने से बड़ी राहत मिली है और अब उनके सन् 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में फिर ताल ठोकने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। यह दूसरा मौका है जब डोनाल्ड ट्रंप को महाभियोग से बरी किया गया है। सीनेट के इस फैसले को ट्रंप की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। बताया जाता है कि इस फैसले के बाद अब ट्रंप चाहें तो अगला चुनाव लड़ सकते हैं। आरोपों से बरी होने के बाद ट्रंप ने एक बयान जारी कर आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि उनके खिलाफ उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई थी। अब देखने वाली बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप का अगला कदम क्या होता है।
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