नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने लाल किला हिंसा मामले में गिरफ्तार पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की निष्पक्ष जांंच की मांग वाली याचिका पर जांच का निर्देश देते हुए कहा कि उम्मीद है कि पुलिस केवल आरोपी को दोषी साबित करने के लिए ही सबूत एकत्र नहीं करेगी, बल्कि वह असल तस्वीर सामने लाएगी। दीप सिद्धू ने दावा किया है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को आयोजित किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के लिए उकसाने वालों में वह शामिल नहीं था। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि अगर सिद्धू फर्जी साक्ष्य गढ़कर जांच को भटकाने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सकती है और संबंधित धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह नागर ने अपने आदेश में कहा कि जांच अधिकारी इस मामले में निष्पक्ष तरीके से उचित जांच सुनिश्चित करने के लिए कर्तव्य बाध्य हैं। वह केवल आरोपी को दोषी साबित करने के लिए सबूत एकत्र नहीं करेंगे बल्कि उन्हें वास्तविक तस्वीर अदालत के सामने लानी होगी। अदालत सिद्धू द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पुलिस से सभी वीडियो और अन्य सामग्रियों को रिकॉर्ड में लेने का अनुरोध किया गया था जो उसे कथित तौर पर निर्दोष साबित करते हैं। साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच के निर्देश देने का अनुरोध भी किया था। सुनवाई के दौरान सिद्धू की ओर से पेश वकील अभिषेक गुप्ता ने अदालत से कहा कि सिद्धू लाल किले पर हुई घटना को भड़काने वाला व्यक्ति नहीं था, जैसा कि पुलिस आरोप लगा रही है। गुप्ता ने दावा किया कि उसका कोई ऐसा वीडियो नहीं है, जिसमें वह लोगों को लाल किले पर एकत्र होने को कह रहा हो। वह लाल किले पर हुई हिंसा में किसी भी तरह लिप्त नहीं था। वह केवल एक शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी था।














