महंगाई के बोझ से दबी आम जनता, पनप रहा आक्रोश
भोपाल। प्रदेश में बढते पेट्रोलियम पदार्थों के दामों के कारण महंगाई लगातार बढ रही है। बीते साल में कोरोना वायरस की मार से बेदम हो चुके आम आदमी के घरों का बजट अब महंगाई ने बिगाड कर रख दिया है। भोपाल में रसोई गैस के दाम 800 स्र्पये और सामान्य पेट्रोल के दाम 99.02 स्र्पये लीटर हो गए। महंगाई के चलते पहले एक सामान्य व्यक्ति का घर खर्च 10 हजार स्र्पये महीना था, वह बढ़कर अब 12 हजार स्र्पये महीना हो गया है। दरअसल, फरवरी माह की एक तारीख को 700 रुपए में मिलने वाला घरेलू गैस सिलिंडर 24 फरवरी तक 100 रुपए बढ़कर 800 रुपए पहुंच गया है। एक माह में तीन बार गैस सिलिंडर के दामों में वृद्धि हुई है। 4 फरवरी को 25 रुपए बढ़े, वहीं 14 फरवरी को 50 और अब 24 फरवरी की देर रात साढ़े 12 बजे 25 रुपए की बढ़ोतरी कर दी गई। गुरुवार से महंगे दामों पर गैस सिलिंडर मिलना भी शुरू हो गया है। कोरोना काल में घरेलू गैस सिलिंडर के रेट अप्रैल 2020 तक 752 रुपए थे। लेकिन मई माह में केंद्र सरकार ने गैस सिलिंडर के दामों को रिवाइज करते हुए 588 रुपए कर दिए थे, ताकि उपभोक्ताओं को सब्सिडी न देना पड़े। इसके बाद जून में ही 12.50 रुपये दाम बढ़ा दिए गए। जुलाई में फिर से 50 पैसे दाम बढ़ गए। जबकि अगस्त और सितंबर माह में 1 रुपए घटे, फिर दो माह दाम स्थित रहे, दिसंबर में 100 रुपए की वृद्धि हुई। इसके बाद जनवरी में भी दाम स्थित रहे, लेकिन फरवरी में फिर से 100 रुपए की वृद्धि हो गई है। इस तरह धीरे-धीरे हुई रसोई गैस के दाम में वृद्धि से आम जनता के घरों का बजट बिगड़ने लगा है। अब एक महीने में तीन बार दाम बढ़ने से आम जनता के मन में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब तो पेट्रोलियम कंपनियों ने घरेलू गैस सिलिंडर कोरोना काल से पूर्व के रेट 752 रुपए से 48 रुपए अधिक महंगा कर दिया है। इस बारे में मप्र पेट्रोल-डीजल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि हो रही है। इस बीच मप्र सरकार द्वारा केंद्र की एक्साइज ड्यूटी की तरह ही वैट फीसद की जगह प्रति लीटर के हिसाब से तय कर दिया जाए तो इससे आम जनता पर टैक्स का बोझ कम पड़ेगा। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जाने से सीधे सरकार को फायदा हो रहा है। वर्तमान समय में पेट्रोल-डीजल अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित हो रहा है।














