इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की खिलाड़ियों को आराम देने के लिए बनायी रोटेशन नीति पर सवाल उठे हैं। पूर्व क्रिकेटर केवन पीटरसन और माइकल वॉन ने जहां इसकी आलोचना की है वहीं दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने इंग्लैंड ईसीबी) की रोटेशन नीति की तारीफ की है। रोटेशन नीति के तहत खिलाड़ियों को बीच-बीच में आराम दिया जाता है। स्टेन ने अपने ट्वीट में कहा कि ईसीबी की रोटेशन नीति का फायदा नजर आ रहा है। धीरे-धीरे शानदार क्रिकेटरों की एक फौज तैयार हो रही है। साथ ही कहा कि अभी भले ही ईसीबी की इस नीति की आलोचना हो रही है पर अगले 8 सालों में आईसीसी को 8 टूर्नामेंट में टीम का चयन करते समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के अनुभवी क्रिकेटरों को तलाशने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

नीति को बेहद समझदारी वाला कदम है बताया है

उन्होंने इस नीति को बेहद समझदारी वाला कदम है बताया है। ईसीबी ने रोटेशन नीति को खिलाड़ियों का वर्कलोड कम करने और उन्हें बायो सिक्योर बबल में रहते हुए मानसिक थकान से बचाने के लिये किया है हालांकि इस कदम से कई बड़े मैचों और सीरीज में उसके अहम खिलाड़ी नहीं खेल पाते हैं जिससे उसकी आलोचना भी हो रही है।
ईसीबी की इस रोटेशन नीति के कारण ही विकेटकीपर जोस बटलर भारत के खिलाफ पहले टेस्ट और आलराउंडर मोईन अली दूसरे टेस्ट के बाद इंग्लैंड लौट गए जबकि बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो और तेज गेंदबाज मार्क वुड पहले दो मैचों से बाहर रहने के बाद सीरीज के बाकी दो मैच के लिए टीम से जुड़ गए हैं।

मैनेजमेंट वर्कलोड को देखते हुए अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स

यही नहीं, टीम मैनेजमेंट वर्कलोड को देखते हुए अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड को भी बीच-बीच में आराम देता रहा है। ईसीबी ने तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर और ऑल राउंडर बेन स्टोक्स को भी श्रीलंका दौरे के लिए आराम दिया था हालांकि, इंग्लैंड के कई पूर्व खिलाड़ियों ने खिलाड़ियों को आराम देने के फैसले के लिए बोर्ड की आलोचना की थी लेकिन ईसीबी इस पर अमल करता नजर आ रहा है। इससे पहले, श्रीलंका के पूर्व कप्तान और राजस्थान रॉयल्स के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट कुमार संगकारा ने भी इंग्लैंड की रोटेशन पॉलिसी को अच्छा बताया था।

नीति का इंग्लैंड टीम को फायदा पहुंचा है. क्योंकि कोरोना

उन्होंने कहा था कि इस नीति का इंग्लैंड टीम को फायदा पहुंचा है. क्योंकि कोरोना के बीच, जब से बायो सिक्योर बबल में क्रिकेट शुरू हुआ है. तब से एक के बाद लगातार सीरीज हो रही हैं। ऐसे में खिलाड़ियों के चोटिल और थकने की आशंका ज्यादा है। इसलिए अब दूसरे बोर्ड भी इंग्लैंड की तरह ही रोटेशन नीति पर अमल कर रहे हैं।

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