नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने गुरुवार को भारत ओर इंग्लैंड के बीच होने वाले चौथे टेस्ट मैच से पहले इस स्पिन विकेट पर खेलने के कुछ टिप्स दिये हैं। तीसरे टेस्ट मैच के दौरान बल्लेबाज इस पिच पर टिक नहीं पाये थे और दो दिनों के अंदर ही मैच पूरा हो गया था। इसके बाद इस पिच पर भी सवाल उठाये गये हैं। लक्ष्मण को साल 2001 में कोलकाता टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार 281 रन की पारी के लिए याद किया जाता है।

बल्लेबाज ने भारत और इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पिच पर संघर्ष

इस स्टायलिश बल्लेबाज ने भारत और इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पिच पर संघर्ष करते देख कर दो सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा, ”मैंने स्पिनिंग ट्रेक पर कभी स्वीप नहीं किया। मेरे पास दो विकल्प थे, डाउन द विकेट खेलना और लेट खेलना। पहले गेंद के पीछे जाओ और देर से शॉट खेलो। मैं इसी तरह गेंद की लेंथ को डिस्टर्ब करता था। मैं गेंदबाज को बाध्य करता था कि मुझे ओवर पिच गेंदें फेंकें।” लक्ष्मण ने कहा, ”मैंने शायद ही कभी एरियल शॉट खेला होगा।

मैदान के साथ खेलता था।” इस तरह की पिचों पर डिफेंस

मैं अपनी फीट का प्रयोग करता था और मैदान के साथ खेलता था।” इस तरह की पिचों पर डिफेंस के महत्व को लक्ष्मण ने बताया कि किस तरह एक बल्लेबाज को अपने डिफेंस पर स्वयं अपने पर भरोसा करना चाहिए। खासतौर पर जब वह इस तरह के ट्रेक पर खेल रहा हो। उन्होंने कहा, ”डिफेंस का यह अर्थ नहीं है कि आप फॉरवर्ड खेलें। डिफेंस के लिए आपको अपना वजन शिफ्ट करना होता है। आपके कदम इतने आगे बढ़े होते हैं कि आपका बल्ला पैड़ के सामने नहीं आता।

#savegajraj

Previous articleआईपीएल में विराट के साथ खेलने को लेकर उत्साहित हैं मैक्सवेल
Next article300 सीसी पावर वाली भारत में हैं कई शानदार और दमदार बाइक्स

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here