नई दिल्ली। कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण में 50 लाख से ज्यादा लाभार्थियों ने वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण करवाया है। कई जगहों पर क्षमता से ज्यादा लोगों के पंजीकरण कराने के बाद अब केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे वैक्सीनेशन के लिए निजी अस्पतालों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें वे अस्पताल भी शामिल हैं जो सरकार की हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का हिस्सा नहीं हैं। केंद्र सरकार ने ये भी निर्देश दिया है कि अगर निजी अस्पताल चाहें तो राज्य सरकार से सलाह-मशविरा कर के वैक्सीनेशन की टाइमिंग भी बढ़ा सकते हैं।

शाम 5 बजे तक ही वैक्सीनेशन हो। इसके अलावा अस्पतालों को

यह अनिवार्य नहीं है कि हर दिन शाम 5 बजे तक ही वैक्सीनेशन हो। इसके अलावा अस्पतालों को हर महीने 15 दिन वैक्सीनेशन सेशन चलाने को कहा है। अभी कोविन पोर्टल से रजिस्टर करने वाले लाभार्थियों को एक हफ्ते के स्लॉट ही मिलते हैं। टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण में उनको टीका दिया जाएगा जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है और 45 साल से ऊपर की उम्र वाले वे लोग भी टीका ले सकते हैं जो स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस चरण के लिए 10 हजार प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्माण भारत के तहत सूचीबद्ध किया गया है। 600 अस्पताल सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम और स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस की स्कीम के तहत आते हैं। निजी अस्पतालों को वैक्सीनेशन ड्राइव में शामिल करने संबंधी निर्देशों पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में बैठक हुई।

राज्य केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें प्राइवेट अस्पतालों को टीकाकरण

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘जो निजी अस्पताल सरकारी स्कीम के लिए सूचीबद्ध नहीं हैं वे भी कोविड वैक्शीनेशन सेंटरों के तौर पर संचालित हो सकते हैं। राज्य केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें प्राइवेट अस्पतालों को टीकाकरण केंद्र की तरह इस्तेमाल करने के लिए कोशिश कर सकती है।’ राज्य सरकारों को यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जिन अस्पतालों को वैक्सीनेशन सेंटरों के तौर पर संचालित किया जाएगा वहां पर्याप्त संख्या में टीका देने वाले लोग होने चाहिए, टीका लगवाने वालों को ऑब्जर्व करने के लिए पर्याप्त जगह, कोल्ड चेन का प्रबंध और यदि टीका लगवाने के बाद किसी को समस्या होती है तो उस स्थिति से निपटने के लिए भी पर्याप्त प्रबंध होना जरूरी है। 34 हजार 981 लाभार्थियों ने कोरोना टीके की पहली खुराक ली है।

#savegajraj

Previous articleयूपी पंचायत चुनाव आरक्षण लिस्ट में बदलाव के लिए करना होगा ये काम
Next articleभारतीय कंपनियों को अगले पांच साल में होगा 732 करोड़ रुपये का नुकसान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here