बाल आयोग ने स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री को लिखा पत्र
भोपाल। मध्यप्रदेश में अगले महीने से स्कूल खोलने को लेकर मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि स्कूल खोलने से पहले कोरोना की तैयारी को परखें, उसके बाद स्कूल खोलें। आयोग ने शनिवार को स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार को इस आशय का एक पत्र लिखा है। पत्र में आयोग का कहना है कि स्कूल खोलने का फैसला करने से पहले जरूरी है कि शासन कोविड-19 संबंधी गाइडलाइन और बाल आयोग द्वारा तैयार की गई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के आधार पर स्कूलों की तैयारी को परखें।
शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने हाल ही में प्रदेश में
बता दें कि प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने हाल ही में प्रदेश में इंदौर और भोपाल को छोड़कर बाकी जिलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूल एक अप्रैल से खोले जाने की घोषणा की थी। इस संबंध में आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने कहा कि यदि स्कूल में कोविड-19 संबंधी सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता है, तो आयोग इस फैसले को सहमति नहीं दे सकता। आयोग ने पत्र में लिखा है कि शिक्षा मंत्री 15 दिन में जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में दो टीमें तैयार कर सरकारी और निजी स्कूलों में जांच कराएं कि स्कूल खोलने के लिए तैयारियां पूरी हैं या नहीं।
बाल आयोग खुद भी अपने स्तर पर कुछ स्कूलों का
उन्होंने कहा कि बाल आयोग खुद भी अपने स्तर पर कुछ स्कूलों का निरीक्षण करने की तैयारी में है। उन्होंने यह भी कहा कि 15 दिन में स्कूल संबंधी रिपोर्ट देखने के बाद ही शासन को इस संबंध में आदेश जारी करने की अनुशंसा अपने पत्र में की जाएगी। बता दें कि कोरोना काल में बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी स्कूल शिक्षा विभाग को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी कर चुका है। इसमें कहा गया है कि स्कूली वाहनों में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन और अन्य व्यवस्थाएं जैसे सैनिटाइजर होना और मास्क लगाकर ही प्रवेश देना आदि होना चाहिए।
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