कोरोना वायरस के साथ इंसान की दूसरी जंग शुरू हो चुकी है और इस दूसरे दौर में संकट काफी गहरा गया है जिसके कारण सभी के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी है। कुछ दिन तक तो इसे भी एक राजनीतिक हथकंडा माना जा रहा था लेकिन अब इसके प्रति गंभीरता दिखाई दी है। एक समय कोरोना लगभग समाप्ति पर आ गया था और पूरे देश में संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन आठ हजार से भी कम रह गई थी वह अब बढ़कर 20 हजार पहुंच गई है। पिछले छह दिनों से लगातार यही स्थिति है। महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में संकट गहरा रहा है। कोरोना के बढ़ते केसों के साथ ही पाबंदियों के दिन भी लौटने लगे हैं। अब तक देश के 25 जिलों में नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन का ऐलान हो चुका है। यही नहीं यदि हालात नहीं सुधरे तो कुछ और शहरों में पाबंदियां लग सकती हैं। देश के अन्य प्रदेशों की तरह मध्य प्रदेश सरकार ने भी भोपाल और इंदौर में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया है। दोनों शहरों में 17 मार्च से अगले आदेश तक नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया गया है।
यही तो है असली राजनीति
राजनीति के बारे में यह कहा जाता है कि इसमें कोई भी शत्रु या मित्र स्थायी नहीं होता है। जो आज मित्र है वह कल शत्रु हो सकता है और कल का शत्रु आज मित्र बन जाता है। ऐसा करने में वे एक-दूसरे से कोई शर्म या हिचक नहीं रखते। ऐसा ही उदाहरण बंगाल और महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। बंगाल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अबु हसेम खान चौधरी ने विधानसभा चुनाव के बाद स्थिति बनने पर टीएमसी के साथ गठबंधन करने की पैरवी की। मालदा दक्षिण सीट से लोकसभा सदस्य के अनुसार कांग्रेस के साझेदार माकपा ने फुरफुरा शरीफ के धर्म गुरु अब्बास सिद्दीकी की आईएसएफ के साथ गठजोड़ किया है, क्योंकि उन्हें डर था कि वे चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाएंगे। इसलिए उन्होंने सिद्दीकी से हाथ मिला लिया ताकि वह उन्हें धर्म के नाम पर आठ-10 सीटें ला दें। इसी तरह का विरोधाभासी बयान महाराष्ट्र के नामी नेता शरद पवार का भी है जो वर्तमान में कांग्रेस तथा शिवसेना का साथ लेकर सरकार में है लेकिन जिनका कहना है कि यदि मजबूत तीसरा मोर्चा बनता है तो वे कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं।
राहुल का मोदी पर तीखा हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकतंत्र को लेकर केंद्र सरकार और मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के गद्दाफी भी चुनाव जीतते थे। एक आॅनलाइन बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, ”सद्दाम हुसैन और गद्दाफी भी चुनाव करवाते थे और उन्हें जीतते थे। ऐसा नहीं था कि लोग वोटिंग नहीं करते थे, लेकिन उस वोट की सुरक्षा के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं होता था।” कांग्रेस नेता ने दो विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में स्वतंत्रता और लोकतंत्र की स्थिति की आलोचना किए जाने के संदर्भ में कहा कि देश को इन संस्थाओं से मुहर की जरूरत नहीं है, लेकिन यहां हालात इनकी कल्पना से कहीं ज्यादा खराब हैं। राहुल ने यह दावा भी किया कि अगर कोई फेसबुक और वॉट्सऐप को नियंत्रित कर सकता है तो फिर लोकतंत्र नष्ट हो सकता है।
पाक सुप्रीम कोर्ट की इमरान को कड़ी फटकार
‘नया पाकिस्तान’ का नारा देकर सत्ता में आने वाले इमरान खान ने पाकिस्तान को तंगहाल बना दिया है। अब खुद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि इमरान खान देश को चलाने में सक्षम नहीं हैं। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार पिछले दो महीनों में कॉमन इंटरेस्ट काउंसिल की बैठक नहीं बुला पाई है। अदालत ने कहा, क्या देश इस तरीके से चलेगा। सरकार देश चलाने में अक्षम है।