नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड-19 टीका आठ से दस महीने तक संक्रमण से पूरी सुरक्षा देने में सक्षम हो सकता है। उन्होंने कहा कि टीके का कोई बड़ा दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है। गुलेरिया ने आईपीएस (सेंट्रल) एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, कोविड-19 टीका आठ से दस महीने और शायद इससे भी ज्यादा समय तक संक्रमण से पूरी सुरक्षा दे सकता है।” उन्होंने कहा कि मामलों में उछाल का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को लगता है कि महामारी खत्म हो गई है और वे कोविड से बचाव के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। गुलेरिया ने कहा, संक्रमण में वृद्धि के कई कारण हैं, लेकिन मुख्य कारण यह है कि लोगों के रवैये में बदलाव आया है और उन्हें लगता है कि कोरोना खत्म हो गया है। लोगों को अभी भी कुछ और समय के लिए गैर-जरूरी यात्रा को स्थगित करना चाहिए। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि संक्रमण की श्रृंखला को रोकना होगा और इसके लिए टीका एक उपकरण है, लेकिन दूसरा है रोकथाम और निगरानी रणनीति।
उन्होंने कहा, कोविड-19 मानकों का पालन नहीं करना और लापरवाही उछाल का प्रमुख कारण है। एक सवाल के जबाव में पॉल ने कहा कि टीके का यह मुद्दा सीमित है,इसकारण प्राथमिकता तय की गई है। उन्होंने कहा,अगर हमारे पास असीमित आपूर्ति होती तो हम सभी के लिए टीकाकरण शुरू कर देते। इसकारण है कि हर किसी को टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। दुनिया के अधिकांश देश इस वजह से प्राथमिकता समूह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।” नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि सबसे ज्यादा मृत्यु दर वृद्धावस्था वाले लोगों में देखी गई। उन्होंने कहा, “इन लोगों को टीके लेने में देरी नहीं करनी चाहिए। इसकारण संदेश यह है कि उन्हें इसकी आवश्यकता दूसरों की तुलना में अधिक है। यही कारण है कि उन्हें कोविड-19 टीके देने में प्राथमिकता दी गई है।”

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