नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को हिदायत देते हुए कहा कि स्वास्थ्य बीमा दावों के निपटान की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता बरते। इसके अलावा नियामक ने बीमा कंपनियों से कहा है कि यदि वे किसी दावे को खारिज करती हैं, तो पॉलिसीधारक को इसकी स्पष्ट वजह बताएं। इरडा ने सर्कुलर मे कहा कि सभी बीमा कंपनियों के लिए ऐसी प्रक्रियाएं स्थापित करना अनिवार्य है, जिनके जरिये पॉलिसीधारक को दावा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के बारे में सूचनाएं पारदर्शी तरीके से मिल सकें। नियामक ने कहा, ‘सभी बीमा कंपनियों को ऐसी प्रणालियां स्थापित करनी होंगी जिससे पॉलिसीधारक को नकदी रहित इलाज/बीमा कंपनी/टीपीए के पास वेबसाइट/पोर्टल/ऐप या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दायर दावों की स्थिति के बारे में जानकारी मिल सके।’
इरडा ने कहा कि इसमें आवेदन के समय से लेकर दावों के निपटान के समय की पूरी जानकारी होनी चाहिए। ‘स्वास्थ्य बीमा दावा निपटान’ सर्कुलर जीवन बीमा, साधारण बीमा और एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों (तीसरे पक्ष प्रशासक-टीपीए) को जारी किया गया है। इरडा ने कहा कि यदि बीमा कंपनी की ओर से टीपीए द्वारा दावों का निपटान किया जा रहा है तो सभी सूचनाओं की जानकारी पॉलिसीधारकों को उपलब्ध करानी होगी। इरडा ने बीमा कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी दावे को सिर्फ ‘पूर्व धारणा या अनुमान’ के आधार पर खारिज नहीं किया जाना चाहिये।














