नई दिल्ली। बुजुर्ग मां-बाप की संपत्ति पाने के बावजूद उनकी देखरेख न करने वाली संतानों की अब खैर नहीं होगी। उत्तर प्रदेश में जल्दी ही एक ऐसा कानून आने वाला है जिसके जरिए अगर कोई बच्चा अपने मां-बाप की सेवा नहीं करता है तो उन्हें दी गई संपत्ति को वापस लिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमिशन इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव सौंपा है। प्रस्ताव में ‘माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण कानून-2007’ में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अगर कोई बुजुर्ग शिकायत करता है तो तो मां-बाप की ओर से अपने बच्चे या वारिस को दी गई संपत्ति की रजिस्ट्री या दानपत्र को भी निरस्त कर दिया जाएगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अगर कोई बच्चा या रिश्तेदार बुजुर्गों के घर में रहता है और उनकी देखभाल नहीं करता, या फिर उनसे अनुचित व्यवहार करता है तो उन्हें घर से निकाला जा सकता है। बता दें कि ने कानून का अध्ययन करने के बाद सौंपी गई अपनी पूर्व की 13 रिपोर्टों में यह बताया था कि कई मामलों में बूढ़े माता-पिता को उनके ही बच्चे उनकी प्रॉपर्टी से निकाल देते हैं, या उनका ख्याल रखने की जगह घर में माता-पिता से पराया व्यवहार करते हैं। अधिकतर मामलों में बच्चे मां-बाप की प्रॉपर्टी के एक बड़े हिस्से पर कब्जा रखते हैं जबकि बुजुर्गों को गुजर-बसर के लिए संपत्ति का छोटा सा हिस्सा दे दिया जाता है। हालांकि, प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद बुजुर्ग मां-बाप की सेवा न करने वालों को प्रॉपर्टी से ही बेदखल कर दिया जाएगा।

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