वर्तमान में हालत यह है कि लोगों की चिंता का विषय कोरोना तो है ही लेकिन उशसे बड़ी चिंता लॉकडाउन की है। लोगों को लॉकडाउन के कारण जो परेशानियां झेलना पड़ी हैं उसकी याद ज्यादा पुरानी नहीं है। अल्प पूंजी वाले व्यापारी तथा रेहड़ी खोमचे वाले दुकानदारों के साथ ही उनके ग्राहकों को कितनी परेशानी उठाना पड़ी इसे कोई अभी भूला नहीं है। रोजाना कमाने वालों का दुख तो अतिकष्टदायी है। इसी तरह एमएसएमई की श्रेणी में आने वाले उद्यमियों की जो आर्थिक रूप से कमर टूटी है उस पर कोई लेप लगाने वाला नहीं मिला है। सरकार ने ऐसे लोगों को बिना गारंटी के लोन देने की घोषणा अवश्य की थी लेकिन वह केवल घोषणा ही रह गई क्योंकि बैंकों ने उन्हें घास नहीं डाली। इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना वारियर्स ने अपने तौर पर पूर्ण समर्पण भाव से लोगों की सेवा की और धर्मार्थ कई काम किए लेकिन इस मौके का फायदा उठाने वाले कोरोना प्रेमियों की भी कोई कमी नहीं थी जिन्होंने असहाय लोगों को जमकर लूटा। यहां तक कि एक्सपायरी डेट का सामान भी दोगुने दाम पर बेच डाला। इसलिए लोगों को लॉकडाउन के नाम पर कोरोना से भी ज्यादा डर लगता है।

पाकिस्तान का रवैया छिपा नहीं
एक पड़ोसी देश होने के नाते भारत के साथ संबंध सामान्य रखने को लेकर पाकिस्तान का रवैया कैसा रहा है, यह छिपा नहीं है। हर कुछ समय बाद पाकिस्तान की ओर से कोई ऐसी हरकत सामने आ जाती है जिसके बाद भारत को अपनी उदारता पर फिर से सोचना पड़ता है। इसके बावजूद भारत की कोशिश यही होती रही है कि पाकिस्तान कम से कम एक सहज पड़ोसी की तरह रहे। मगर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया आमतौर पर ऐसी रहती है कि कई बार पटरी पर आती हुई स्थितियां फिर से नकारात्मक दिशा अख्तियार कर लेती हैं। हालांकि कई बार देश के भीतर आम लोगों की जरूरत या फिर आर्थिक उतार-चढ़ाव का सामना करने के मद्देनजर ऐसे हालात पैदा होते हैं, जिसकी वजह से संबंधों में सुधार की पहलकदमी होती है।

अब युवाओं पर अटैक कर रहा है कोरोना
कोरोना को लेकर अक्सर यह कहा जाता रहा है कि यह सबसे अधिक बुजुर्गों को टारगेट करता है। मगर एक नए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि युवा कोरोना रोगियों में दोबारा संक्रमण के मामले अधिक हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) एवं जॉन हापकिंग्स विश्वविद्यालय ने एक शोध में पाया है कि भारत में कोरोना रोगियों में दोबारा संक्रमण के सबसे ज्यादा 79 फीसदी मामले 20-40 आयु वर्ग के लोगों में देखे गए हैं। माना जा रहा है कि इस आयु वर्ग के लोगों की ज्यादा सक्रियता इसकी प्रमुख वजह हो सकती है।

उपभोक्ताओं को मिल सकती है बड़ी राहत
उज्जवला स्कीम के तहत जिन्हें गैस कनेक्शन दिए गए हैं उनके लिए एक और राहत की खबर आ सकती है। उल्लेखनीय है कि उज्ज्वला योजना में मोदी सरकार द्वारा मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए थे। अब सरकार उसके सब्सिडी स्ट्रक्चर में बदलाव करने का प्लान बना रही है। बताया जाता है कि पेट्रोलियम मंत्रालय दो नए स्ट्रक्चर पर कार्य कर रहा है जिसके जल्द जारी होने की संभावना है। मोदी सरकार ने इस साल के बजट में एक करोड़ नए कनेक्शन देने का ऐलान किया था। अब सरकार की एडवांस पेमेंट मॉडल में बदलाव की प्लानिंग है। खबर है कि 1600 का एडवांस पेमेंट कंपनी एकमुश्त वसूलने का काम करेगी।

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