नई दिल्ली। विश्व स्वास्थय संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपर्याप्त आंकड़े का हवाला देते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके की उपयोग समय सीमा को छह महीने से बढ़ाकर नौ महीना करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। डब्ल्यूएचओ मामले पर चर्चा के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के साथ बैठक भी करना चाहता है। भारत के औषधि नियामक ने कोविशील्ड टीके के उपयोग का समय निर्माण की तारीख से छह महीने को बढ़ाकर नौ महीने कर दिया है।
पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को हालिया पत्र में डब्ल्यूएचओ ने कंपनी से पर्याप्त घोल के साथ खुराकें बनाने को कहा है ताकि उपयोग समय के दौरान इसका असर 2.5 x 108 आईएफयू प्रति खुराक बना रहे। डीसीजीआई ने एसआईआई को फरवरी में एक पत्र में कहा कि उसे कई खुराक वाली शीशी (10 खुराकें- पांच एमएल) में कोविशील्ड टीके के उपयोग का समय छह महीने से नौ महीना विस्तार करने पर कोई आपत्ति नहीं है। डीसीजीआई के फैसले से टीके की बर्बादी रोकने में स्वास्थ्य प्राधिकारों को मदद मिलेगी। ब्रिटेन के औषधि नियामक द्वारा 22 फरवरी को अद्यतन सूचना के मुताबिक एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके की ‘शेल्फलाइफ’ छह महीने है।