भोपाल। राजधानी में बुधवार को कोरोना वायरस के 686 नए मरीज मिले है। इसमें से 30 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। बुधवार को जहां 98 मरीज वेंटिलेटर पर थे, वहीं गुस्र्वार को यह संख्या बढ़कर 120 हो गई है। प्रदेश में कोरोना की रफ्तार घातक रूप लेती जा रही है। इसके बावजूद लोग सुधरने को तैयार नहीं है और वे धडल्ले से कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने में अपनी शान समझ रहे हैं। इधर, प्रशासन का दावा है कि एक दिन में 4 मौत हुई है, लेकिन भदभदा विश्राम घाट में 31 और झदा कब्रस्तान में 5 कोरोना संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया है। इधर, प्रदेश में सभी जिलों को मिलाकर 4324 नए मामले सामने आए हैं। 33,463 सैंपल की जांच में इतने मरीज मिले हैं। इस तरह संक्रमण दर 13 फीसद रही। इसका मतलब यह है कि 100 सैंपल की जांच में 13 संक्रमित मिल रहे हैं। इसके पहले सितंबर में संक्रमण की दर इस स्तर पर थी। मौतों का आंकड़ा भी सितंबर में ही सर्वाधिक था। अब तक की सर्वाधिक संक्रमण दर 16 सितंबर को 16.1 थी। करीब 6 महीने बाद ऐसी स्थिति बनी है जब 24 घंटे के भीतर अलग-अलग जिलों में 27 मरीजों ने दम तोड़ दिया। मरीजों की जांच कराने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही है। दो से तीन फीवर क्लीनिक में भटकने के बाद जांचें हो पा रही हैं। पिछले साल जब प्रदेश में मरीज कम थे तो जांच और इलाज के लिए 740 फीवर क्लीनिक संचालित हो रहे थे। आज की स्थिति में इनकी संख्या 662 है।सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में हर दिन 40 हजार सैंपल की जांच की जाएगी। सैंपल हर दिन 40 हजार से ज्यादा लिए जा रहे हैं ,लेकिन जांच 33 हजार पर ही अटकी है। जांच की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।