नई दिल्ली। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस के मामले में अंतिम आदेश छह महीने में पारित करने को कहा है। इस मामले में कंपनी के पूर्व चेयरमैन गौतम थापर और तीन अन्य पूर्व अधिकारियों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया था। थापर के अलावा जिन अन्य अधिकारियों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें सीजी पावर के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी वीआर वेंकटेश और पूर्व निदेशक माधव आचार्य और बी हरिहरन शामिल हैं। थापर, हरिहरन और अन्य ने सेबी के मार्च, 2020 में दिए गए पुष्टि आदेश के खिलाफ सैट में अपील की थी। अपने आदेश के तहत सेबी ने थापर, वेंकटेश, आचार्य और हरिहरन के प्रतिभूति बाजार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी तरह के कारोबार की रोक लगा दी थी। हालांकि, उन्हें उनके पास मौजूद प्रतिभूतियों के मूल्य के 25 प्रतिशत के बराबर की बिक्री करने की छ्रट दी गई थी। पुष्टि आदेश के बाद सितंबर, 2019 में सेबी ने अंतरिम आदेश पारित किया था। इसके तहत इन अधिकारियों को खातों के गंभीर कुप्रबंधन तथा कोष को इधर-उधर करने के लिए प्रतिबंधित किया था। इसके अलावा नियामक ने कंपनी के फॉरेंसिक ऑडिट का भी आदेश दिया था। सैट ने कहा कि प्रतिबंध आदेश सितंबर, 2019 से जारी है। इसे हमेशा के लिए जारी रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसी के मद्देनजर सैट ने छह अप्रैल को जारी आदेश में सेबी को चार सप्ताह के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी करने और इस पर जवाब मिलने के बाद छह महीने में अंतिम आदेश देने को कहा है। न्यायाधिकरण ने कहा कि सेबी को फॉरेंसिक रिपोर्ट के आकलन के लिए पहले ही काफी समय मिल चुका है।

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