नई ‎दिल्ली। सरकार ने कहा कि वह उर्वरकों की उपलब्धता तथा कीमतों की निगरानी कर रही है। सरकार ने उर्वरक विनिर्माताओं तथा आयातकों से इस साल खरीफ (गर्मियों की फसल) बुवाई के दौरान उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रबी 2020-21 के दौरान देशभर में इसकी उपलब्धता संतोषजनक रही है। बयान में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से पैदा हुई तमाम चुनौतियों के बावजूद उर्वरकों का उत्पादन, आयात और आवाजाही समय पर और पर्याप्त रही। बयान में कहा गया है कि किसानों के हित में सरकार की उर्वरक की उपलब्धता पर कीमतों पर नजदीकी निगाह है। कृषि मंत्रालय ने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श में विभिन्न उर्वरकों की जरूरत का आकलन कर लिया है और इसकी जानकारी उर्वरक विभाग को दे दी है। बयान में कहा गया है कि इस के अनुरूप उर्वरक मंत्रालय ने विनिर्माताओं के साथ विचार-विमर्श में घरेलू उत्पादन का लक्ष्य तय किया और इसकी निगरानी की जा रही है। यूरिया के मामले में आवश्यकता तथा घरेलू उत्पादन के बीच अंतर को पूरा करने के लिए समय पर आयात की योजना बनाई गई है। फॉस्फैटिक और पोटासिक (पीएंडके) का आयात मुक्त और सामान्य लाइसेंस (ओजीएल) के तहत आता है। इसमें उर्वरक कंपनियों को मात्रा/कच्चे माल की जरूरत के हिसाब से आयात करने की आजादी होती है। खरीफ 2021 के सत्र की तैयारियों के सिलसिले में रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने 15 मार्च को विभिन्न उर्वरक कंपनियों के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशकों के साथ बैठक की थी।

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