बैतूल। विधायक निलय डागा ने प्रदेश में कोरोना से पीडि़त मरीजों के इलाज के प्रबन्धन व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। विधायक श्री डागा ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना से पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों को संसाधन उपलब्ध करवाने में पूर्ण रूप से नाकाम है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जिला प्रशासन के माध्यम से बनाई गई क्राइसिस कमेटी क्या लॉक डाउन लगाने के लिए ही है?
कोरोना से पीडि़त मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और प्रदेश के सरकारी तथा निजी अस्पतालों में बैड, वेंटिलेटर व ऑक्सीजन की उपलब्धता का अभाव नजर आ रहा है और इतने गंभीर हालातों में भी क्राइसिस कमेटी द्वारा जनता की सुविधा में कोई निर्णय नहीं लिए गए। श्री डागा ने कहा इंजेक्शन भिजवाने में भी बैतूल का नाम गायब है, अब कहां है जनता का हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाले सत्ता पक्ष के दिग्गज नेता?
–13 महीने में सरकार ने क्या किया? —
विधायक ने सरकार के खिलाफ गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना काल के 13 महीने में सरकार ने क्या किया? सत्ता के नशे में चूर भाजपा के नेता और मंत्री को लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। सरकार द्वारा कोरोना को लेकर समय रहते सही रणनीति बनाई जाती तो आज फिर दोबारा यही स्थिति निर्मित नहीं होती। भाजपा केवल सत्ता के नशे में चूर है और क्राइसिस कमेटी सही निर्णय न लेते हुए केवल लॉक डाउन को एकमात्र उपाय मानकर गरीबों की रोजी-रोटी छीन रही है। उन्होंने कहा लॉकडाउन के कारण गरीब भूखे मरने की कगार तक पहुंच चुका है। जनता भाजपा की जनविरोधी नीतियों से त्रस्त है।
–हर मोर्चे पर फेल नजर आ रही सरकार–
श्री डागा ने कहा मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री केवल वीडियो कांफ्रेंस करके इतिश्री कर लेते हैं जबकि वह धरातल की हकीकत से वाकिफ होते हुए भी अनजान बन रहे हैं। इससे तो यही साबित होता है कि सरकार कोरोना को लेकर हर मोर्चे पर फेल है। विधायक डागा ने कहा कि हमारे चिकित्सक तथा पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना मरीजों का इलाज करने में लगे हैं, लेकिन सरकार अस्पतालों व कोविड केयर सेंटरों को संसाधन उपलब्ध करवाने में नाकाम नजर आ रही है ! धरातल पर जनता पीडि़त है, ऐसे में अस्पतालों में अतिरिक्त बेड, ऑक्सीजन तथा अन्य संसाधनों की उपलब्धता करवाना सरकार का परम दायित्व है लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। यही नहीं मुफ्त के जीवन रक्षक इंजेक्शन की ब्लैकमेलिंग चरम पर है।
–बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से बढ़ रहे मौत के आंकड़े–
श्री डागा ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में एक वर्ष बाद भी अस्पतालों में न इलाज, न बेड, न दवाई , न इंजेक्शन, न आक्सीजन, स्वास्थ्य सेवाएँ बदहाल होने से मौतों के आँकड़े बढ़ते जा रहे हैं, अराजकता की स्थिति है। सरकार ने एक वर्ष में झूठ परोसने के अलावा कुछ नहीं किया। अभी भी कोरोना से निपटने की कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है। हालात देखकर नजर आ रहा है कि सरकार कोविड—19 से निपटने में अक्षम साबित हो रही है। मरीजों को ना तो समय से इलाज मिल रहा है, ना ही दवाइयां उपलब्ध हो पा रही है।
–आर्थिक रूप से टूट रही जनता की कमर–
विधायक ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से भयावह हालात हो गए हैं। अमानवीयता चरम पर है। निजी अस्पतालों ने लूट मचा रखी है। उन्होंने कहा कि सरकार को आम जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने की जरूरत है। कोरोना महामारी के कारण जनता की आर्थिक रूप से कमर टूट गई है। मध्यम वर्ग परिवारों पर भी इस महामारी का बुरा प्रभाव पड़ा है। सरकार ने आम जनता को कोई राहत पैकेज भी नहीं दिया। श्री डागा ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में जनहित में उचित निर्णय लिया जाए।
–रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ रही डिमांड–
गौरतलब है कि देश में कोरोना की रफ्तार ने फिर तेजी पकड़ ली है। पिछले कुछ दिनों से हर दिन 1 लाख से ज्यादा नए संक्रमित सामने आ रहे हैं। संक्रमण बढऩे के साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड भी बढ़ गई है। सरकार रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी पूर्ति नहीं कर पा रही है।

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