भोपाल। प्रदेश में कोरोना मरीजों के ‎लिए आक्सीजन की आपूर्ति के लिए राज्य सरकार ने अब पशुपालन विभाग के चार टैंकरों का उपयोग करना तय किया है। पहली बार इन्हें आक्सीजन लेने के लिए ओडिशा भेजा है। वहीं, टैंकरों में जरूरी बदलाव भी किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में आक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए सरकार टैंकरों की व्यवस्था करने में दिन-रात जुटी हुई है। प्रदेश सरकार केंद्र के साथ-साथ अन्य राज्यों के साथ समन्वय बनाने में जुटी हैं। प्रदेश सरकार आक्सीजन के परिवहन के लिए लगातार प्रयास कर रही है। टैंकरों से ऑक्सीजन के परिवहन में अधिक समय न लगे, इसके लिए रेलवे ने परिवहन व्यवस्था बनाई है तो वायुसेना के विमान से इंदौर, भोपाल और ग्वालियर से खाली टैंकर गुजरात और झारखंड पहुंचाए गए हैं। वहीं, टैंकरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अब पशुपालन विभाग के चार टैंकरों का उपयोग भी किया जाएगा। नाइट्रोजन वाले इन टैंकरों की क्षमता छह-छह टन है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने भी इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की थी। उन्होंने कहा कि इन टैंकरों को अधिग्रहीत कर एकएक टैंकर जबलपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर को दिया जा सकता है। उधर, मुख्यमंत्री ने गुजरात और झारखंड से प्रतिदिन आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से बात की है। सोमवार और मंगलवार को एक-एक टैंकर आक्सीजन झारखंड से आएगी। वहीं, गुजरात के जामनगर से एक मई तक प्रतिदिन आक्सीजन की आपूर्ति होगी। अपर मुख्य सचिव पशुपालन जेएन कंसोटिया ने बताया कि चारों टैंकरों को आक्सीजन लेने के लिए ओडिशा भेजा गया है। ये चारों टैंकर नाइट्रोजन के हैं। इनमें जरूरी बदलाव भी ओडिशा में ही किया जाएगा।

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