कोरोना महामारी के इस दौर में स्कूलों और कोचिंग संस्थानों ने एक बार फिर अपनी ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी है। इस ऑनलाइन क्लास में बड़ी कक्षाओं के बच्चे सुबह से लग जाते हैं। इसके साथ ही बच्चों की ऑनलाइन कोचिंग भी हो रही है। इस कारण बच्चे दिन भर मोबाइल और कम्पयूटर पर व्यस्त रहते हैं। स्क्रीन टाइम बेहद बढ़ जाने से बच्चों में तनाव, सिरदर्द और आंखों के कमजोर होने के साथ ही गर्दन दर्द तक की शिकायतें आ रही हैं।
परंपरागत तरीके में जहां सभी कक्षाएं स्कूल में होती थीं। वहीं अब उतना टाइम बच्चे मोबाइल फोन और लैपटॉप पर अपनी आंखें लगाये रखते हैं। इन हालातों में उनकी आंखों पर प्रभाव पड़ना तय है। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि अभिभावकों को अपने बच्चों की आंखों का विशेष ध्यान रखना होगा। जिससे उनकी आंखों पर कोई प्रभाव न पड़े। ऑनलाइन क्लास में बच्चों को मोबाइल फोन के बजाय लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप का इस्तेमाल करवाना चाहिए, क्योंकि मोबाइल की स्क्रीन छोटी होती है इसलिए बच्चों के आंखों पर ज्यादा जोर पड़ता है। लैपटॉप की स्क्रीन को थोड़ी दूरी पर रखें। कोशिश करें कि कुर्सी या फिर बेड पर छोटा वाला टेबल लगाकर बच्चों को पढ़ाई करवाएं। इसके साथ ही स्क्रीन टाइम कर करने के लिए टीवी कम देखने के साथ ही मोबाइल पर गेल न खेलने को कहें।
यदि कोई बच्चा लगातार 45 मिनट तक ऑनलाइन क्लास किया है तो उसे पांच मिनट तक अपनी आंखों को बंद रखना चाहिए। इससे लगातार स्क्रीन देखने से उसकी आंख जो ड्राई हुई होगी वह नार्मल हो जाएगी। ऑनलाइन क्लास में बच्चों को लगातार स्क्रीन को नहीं देखना चाहिए। इस दौरान बार-बार पलक को झपकाते रहना चाहिए। क्योंकि जब ब्लिंक रेट कम होता है तो आंखों में ड्राइनेस आ जाती है।
करें ये उपाय
आंखों को ठंडे पानी से धोते रहें
लगातार 2 घंटे तक मोबाइल और लैपटॉप इस्तेमाल न करें
दर्द होने पर आई ड्राप को डॉक्टर की राय लेकर डालें
लेटकर ऑनलाइन क्लासेज नहीं करने देना चाहिए
एक क्लास से दूसरे क्लास के दौरान मिले समय में हल्का व्यायाम करें।

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