काहिरा। मिस्र में पुरातत्‍वविदों को सोहाग के पास स्थित हमिदियाह कब्रगाह के पास से सामान्‍य पुरातात्विक सर्वेक्षण के दौरान सैकड़ों मकबरे मिले हैं। करीब चार हजार साल पुराने इन मकबरों को एक चट्टान को काटकर मकबरे का शक्‍ल दिया गया है। पिरामिडों के देश मिस्र में पुरातत्‍वविदों को संयोगवश एक अनमोल खजाना हाथ लगा है।
बताया जा रहा है कि नील नदी के पश्चिमी किनारे पर कुल कुल 250 मकबरे मिले हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि ये मकबरे 2200 ईसापूर्व से लेकर 30 ईसापूर्व के बीच बनाए गए हैं। ये मकबरे कई अलग-अलग स्‍टाइल में बनाए गए हैं। इन्‍हें पहाड़ों के अंदर विभिन्‍न स्‍तरों पर बनाए गए हैं। एक मकबरे में तो नकली दरवाजा लगा हुआ है और उस पर चित्रात्‍मक लिपि अभी भी बनी हुई है। कुछ चित्रों में लोग मरने वाले की ओर से ईश्‍वर को चढ़ावा चढ़ा रहे हैं।मिस्र के पुरातात्विक अधिकारी मुस्‍तफा वजीरी ने बताया कि किसी-किसी मकबरे में एक या कई कब्रे हैं। कई कब्रों को रैंप बनाकर तैयार किया गया है जो लाशों के दफनाने की जगह पर जाकर खत्‍म होता है। एक मकबरा तो करीब 4 हजार साल पुराना है। उस समय मिस्र का ओल्‍ड किंगडम अपनी ढलान पर पहुंच गया था।
उन्‍होंने बताया कि कुछ ख‎डिया मिट्टी से बने बर्तन भी मिले हैं। पुरातत्‍वविदों का मानना है कि कुछ अभिलेख छठवें राजवंश के हैं जिसका शासन 2345 से लेकर 2181 ईस्‍वी के बीच था। उनका अनुमान है कि करीब 2 हजार साल तक इस स्‍थल का इस्‍तेमाल किया गया। वजीरी ने बताया कि कई सदियों तक इनका इस्‍तेमाल दफनाने के लिए किया गया। पुरातत्‍वविदों को इंसान और जानवरों की हड्ड‍ियां भी मिली हैं। इसके अलावा कई मिट्टी के बर्तन और टुकड़े मिले हैं जिनका इस्‍तेमाल अंतिम संस्‍कार के लिए किया जाता था।

Previous articleअंटार्कटिका में टूटा दु‎निया का सबसे बडा हिमखंड, 170 किमी लंबा और करीब 25 ‎किमी है चौड़ा
Next articleदूसरी लहर को लेकर माता-पिता को रहना होगा सावधान -बच्चों पर खास तौर पर रखनी होगी निगरानी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here