नई दिल्ली। भारत बायोटेक अपने कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सिन का बच्चों पर ‘क्लिनिकल ट्रायल जून से शुरू कर सकता है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारत बायोटेक के ‘बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी के प्रमुख रेचेस एला ने फिक्की महिला संगठन (एफएलओ) के सदस्यों के साथ डिजिटल माध्यम से हुई बातचीत में कहा कि कोई भी टीका सौ प्रतिशत सुरक्षा नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि टीके के प्रभाव को सौ प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक को बच्चों पर टीके का ट्रायल करने की अनुमति मिल गई है और इसे एक जून से शुरू किया जा सकता है। एफएलओ की ओर से रविवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि एला ने कहा कि दो से 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर ट्रायल किया जाएगा जिसके लिए भारत बायोटेक को इस साल की तीसरी तिमाही में लाइसेंस मिल सकता है। उन्होंने कहा कि टीके के कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हैं और इनके कारण किसी को टीका लगवाने से डरना नहीं चाहिए।

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