नई दिल्ली। भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि शुरुआती वर्षों में उन्हें अपनी गेंदबाजी में गति के महत्व के बारे में ठीक-ठीक जानकारी नहीं थी। एक बार तेज गति की वजह से उन्हें बल्लेबाजों को परेशानी में डालने वाली स्विंग करने में सफलता मिली तो उन्होंने इसे अपना लिया। भुवनेश्वर ने आईपीएल की अपनी टीम सनराइजर्स हैदराबाद के ट्विटर हैंडल पर जारी वीडियो में बताया ईमानदारी से कहूं तो पहले कुछ वर्षों में मुझे यह अहसास नहीं था कि गति में भी कुछ जोड़ना जरूरी है। बाद के दिनों में मुझे अहसास हुआ कि स्विंग के साथ मुझे अपनी गति में भी सुधार करने की जरूरत है, क्योंकि 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने से बल्लेबाज स्विंग से तालमेल बिठा ले रहे थे। इसलिए मैं गति बढ़ाना चाहता था, लेकिन नहीं जानता था कि ऐसा कैसे करना है।
31 वर्षीय भुवनेश्वर ने अब तक 21 टेस्ट मैचों में 63 विकेट, 117 वनडे में 138 विकेट और 48 टी20 अंतरराष्ट्रीय में 45 विकेट लिए हैं। उन्होंने कहा सौभाग्य से मैं अपनी गति में सुधार करने में सफल रहा और इससे वास्तव में मुझे काफी मदद मिली। इसलिए यदि आप 140 किमी से अधिक रफ्तार से नहीं, लेकिन 135 किमी के आसपास की रफ्तार से भी गेंदबाजी करते हैं, तो इससे स्विंग बरकरार रखने और बल्लेबाज को परेशानी में डालने में मदद मिलती है। भुवनेश्वर चोटों से जूझते रहे हैं और उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम में नहीं चुना गया है।

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