जालंधर। कोरोना की मार झेल रहे पंजाब में राजनीतिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके पहले प्रदेश की कांग्रेस सरकार को लेकर पार्टी के नेता ही खासे नाराज चल रहे हैं,इसकारण आलाकमान को दखल देना पड़ रहा है। आलाकमान ने सभी विधायकों और नेताओं को दिल्ली बुलाया है।
जानकारी के मुताबिक पंजाब कांग्रेस के 25 नेता दिल्ली पहुंचे हैं। इनमें प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी शामिल हैं। जहां पर आलाकमान द्वारा बनी तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात करने वाले है। इस पैनल की अगुवाई हरीश रावत कर रहे हैं। रावत के अलावा पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बारी-बारी से विधायक और नेता तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात कर और अपनी समस्याओं को समिति के समक्ष रखने वाले हैं1 बताया जा रहा है कि समिति ने विधायकों से मिलना शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह गुट के माने जाने वाले मनप्रीत बादल भी राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं और वह समिति से मुलाकात करने वाले है। इनके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, चरणजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत 25 नेता दिल्ली पहुंचे हैं। जिनसे बारी-बारी से मुलाकात होगी।
उल्लेखनीय है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच में वॉकयुद्ध छिड़ चुका है और चुनावों में इसका गलत प्रभाव न पड़े, इसके लिए आलाकमान ने दखल दिया है। समिति के जरिए आलाकमान प्रदेश सरकार के भीतर के कलह और गुटबाजी को समाप्त करने का प्रयास करेगी। वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा था कि हमारा लक्ष्य प्रदेश में कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करना और विधानसभा चुनावों में सभी को एकजुट करके जीत हासिल करना है।

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