नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) के बैठक के नतीजों की घोषणा कर दी है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने कोविड़-19 के प्रभाव को कम करने की वजह से पॉलिसी रेट में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है। यानी रेपो रेट और और रिवर्स रेपो रेट की दरों में कोई चेंज नहीं आया है। रेपो रेट पहले की तरह 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट भी 4.25 फीसदी पर है। यानी की आपकी ईएमआई या लोन की ब्याज दरें पहले जितनी ही रहेंगी इसमें नई राहत नहीं दी गई है। साथ ही गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि फिस्कल ईयर 2021 में रियल GDP -7.3 फीसदी रही। वहीं अप्रैल में महंगाई दर 4.3 फीसदी रही जो राहत है। उन्होंने ये भी कहा कि अच्छे मॉनसून से इकॉनमी का रिवाइवल संभव है। आरबीआई की कमिटी ने फैसला किया है कि जब तक कोविड़-19 का खत्म नहीं होता है तब तक मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बना रहेगा।
टीकाकरण से अर्थव्यवस्था में स्थिरता आना मुमकिन है। ग्लोबल ट्रेंड सुधरने से एक्सपोर्ट बढ़ेगा। साथ ही आरबीआई ने बताया कि G-SAP 1.0 को अच्छा रिस्पांस मिला है जिसके बाद अब G-SAP 2.0 को लाने का फैसला किया गया है। G-SAP 2.0 के तहत 1.2 लाख करोड़ का ऑक्शन होगा। वहीं टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को कोरोना महामारी से उबारने के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर ने एलान किया कि बैंकों के माध्यम से इन सेक्टर को राहत दी जाएगी। दास ने कहा कि 15000 करोड़ रुपये की नकदी की व्यवस्था बैंकों को जाएगी। एमएसएमई के लिए 1600 करोड़ की लिक्विडिटी फैसिलिटी की जाएगी।
बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। हर दो महीने के अंतराल पर मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक होती है। आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में भी प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था।