पटना। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप भले ही देश से अब कम हो रहा हो लेकिन भारत की चिंता अभी टली नहीं है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर भी जल्द ही देश मे प्रवेश करेगी। विशेषज्ञों ने बताया है कि तीसरी लहर सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी। जिसके लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। चूंकि यह कहा जा रहा है कि टीकाकरण की कोरोना से बचने का एक ठोस उपाय है इसलिए भारत अब बच्चों को टीका लगाने की तैयारी में है। जिसके लिए दिल्ली एम्स में आज से के बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन, कोवैक्सिन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। इस ट्रायल के पहले चरण में कुल 16 बच्चे शामिल होंगे। बता दें कि इससे पहले भारत बायोटेक ने 12 से 18 के बच्चों को लेकर पटना एम्स में वैक्सीन ट्रायल किया गया था। बता दें कि ट्रायल शुरू करने से पहले बच्चों की अच्छी तरह स्क्रीनिंग की जाएगी जिसमें देखा जाएगा कि वो पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं। स्वस्थ पाए जाने के बाद ही बच्चों को टीका लगाया जाएगा। ट्रायल के दौरान बच्चो को कोवैक्सिन के टीके लगाए जाएंगे। इससे पहले पटाना के एम्स में यह वैक्सीन ट्रायल चल रहा है जहां 3 जून को बच्चों को टीके की डोज लगाई गई। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से अनुमति मिलने के बाद, एम्स दिल्ली अब असल ट्रायल शुरू करने से पहले स्क्रीनिंग शुरू कर रहा है। डीसीजीआई की मंजूरी 12 मई को एक विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिश के बाद आई है। भारत बायोटेक को टीके को बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए 11 मई को डीसीजीआई की मंजूरी मिली थी। जिसके बाद पिछले मंगलवार को एम्स पटना में कोवैक्सिन के लिए बाल चिकित्सा परीक्षण शुरू हुआ। एम्स, पटना के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा, “इन परीक्षणों के बाद, आय वर्ग को 6-12 साल और फिर 2-6 साल में बांट दिया जाएगा, लेकिन अभी हमने 12-18 साल के आयु वर्ग में ट्रायल शुरू कर दिए हैं। ट्रायल करने से पहले बच्चों की सभी जांच अच्छी तरह से की जा रही है. डॉ. सिंह ने बताया कि ट्रायल के लिए 54 बच्चों ने रजिस्ट्रेश किया था, जिनमें से 12 से 18 साल की उम्र के 16 बच्चे थे। उन्होंने कहा कि शारीरिक परीक्षण के अलावा, इन बच्चों पर कोविड -19 एंटीबॉडी या किसी अन्य पहले से मौजूद बीमारियों की जांच के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण भी किए गए। भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू हुआ था जिसके पहले चरए में हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया गया था। सके बाद दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वॉरियर्स को टीका लगा था, 1 मार्च से शुरू होने वाले तीसरे चरण में 690 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाया गया था। इसके अलावा 1 अप्रैल में 45 साल से ऊफर के लोगों को टीका लगाने की अनुमति मिल गई थी।